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कांग्रेस नेता अली मेहंदी ने केजरीवाल से इमाम और मुअज्जिनों का वेतन देने की मांग की, बोलें- हम भीख नहीं मांग रहें यह हमारा हक है

कोरोना वायरस के कारण लगें लाॅकडाउन से लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब हो चुकी है ऐसे में केजरीवाल सरकार द्वारा इमाम और मुअज्जिनों का वेतन रोककर उनको जबरन भूखा मरने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

दिल्ली में पिछले 6 महीने से मस्जिदों के इमाम और मुअज्जिनों की तनख्वाह नही मिली है। इनकी तादाद लगभग 300 के करीब बताई जा रही है।

तनख्वाह न मिलने के कारण मस्जिदों के इमाम और मुअज्जिनों को घर चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है कुछ परिवार तो दाने-दाने के लिए तरस रहें है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन अली मेहंदी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से तुरंत मस्जिदों के इमाम और मुअज्जिनों को तनख्वाह देने के लिए आवाज़ बुलंद की है।

अली मेहंदी का कहना है कि “दिल्ली वक्फ बोर्ड ने 300 ईमाम और मुअज्जिनो को पिछ्ले 6 महीनो से तंखुआह क्यूँ नहीं दी है? अरविंद केजरीवाल आप और आपके वक़्फ़ बोर्ड के चएरमैन के पास बस प्रचार प्रसार में बर्बाद करने के लिए ख़ूब पैसे है पर हक़दार को देने के लिए नहीं है मैं मांग करता हूँ फ़ौरन तंखुआह दी जाए।

अली मेहंदी के अनुसार “मैं अरविंद केजरीवाल को बताना चाहता हूँ कि इमामों और मुअज्जिनों की तनख़्वाह हम आपसे कोई भीक नहीं माँग रहे यह हमारा हक़ है। करोड़ों रुपए का दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास किराया आता है वो कहाँ जाता है?

अली मेहंदी ने मांग की है कि इमामों को 45000 रू तथा मुअज्जिनों को 30000 रू के हिसाब से तुरंत पैसा दिया जाए।

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