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ब्रिगेडियर उस्मान के जन्मदिन पर विशेष: पाकिस्तान को धूल चटाने वाले ब्रिगेडियर उस्मान को पाकिस्तान ने अपनी सेना का प्रमुख बनाने का ऑफर दिया था।

हिन्दुस्तानी फौज के बहादुर एवं जाबांज सिपाही ब्रिगेडियर उस्मान का जन्म 15 जुलाई 1912 को मऊ जिले के बीबीपुर गाँव में हुआ था। इनके पिता काज़ी मौहम्मद फारूख बनारस शहर के कोतवाल थे।

ब्रिगेडियर उस्मान ने बचपन में ही सेना में शामिल होने के लिए अपना मन बना लिया था। जिसके लिए उन्होंने दिन रात मेहनत करके बहुत कठिन टेस्ट (सैंडहर्स्ट) को पास करने में सफल हुए। इस टेस्ट को कुल 10 भारतीयों ने पास किया था जिसमें से एक ब्रिगेडियर उस्मान भी थे।

ब्रिगेडियर उस्मान सैम मानेकशॉ और मौहम्मद मूसा के बैचमेट थे यह दोनों आज़ादी के बाद भारत और पाकिस्तान की सेना के प्रमुख बने थे।

भारत की आज़ादी के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए पाकिस्तान सेना की मदद से कबाइलियों को श्रीनगर में प्रवेश करवा दिया। जिसके बाद कबाइली लगातार कश्मीर पर कब्जा करते जा रहे थे।

कबाइलियों ने राजौरी और झंगड़ पर कब्जा कर लिया था तथा उसके बाद वह नौशेरा पर कब्जा करना चाहते थे लेकिन वह भूल गए थे कि वहां पर भारत का शेर ब्रिगेडियर उस्मान तैनात है।

कबाइलियों ने रात में नौशेरा पर हमला बोल दिया लेकिन ब्रिगेडियर उस्मान की बहादुरी के आगे वह बेबस हो गए उसके बाद कबाइलियों ने तीन बार नौशेरा पर कब्जा करने के लिए हमला किया जिसको तीनों बार ब्रिगेडियर उस्मान ने असफल कर दिया।

जिसके बाद ब्रिगेडियर उस्मान कबाइलियों को धूल चाटने में कामयाब रहे तथा कुछ दिन बाद ब्रिगेडियर उस्मान ने झंगड़ पर भी वापस कब्जा कर लिया। ब्रिगेडियर उस्मान 3 जुलाई 1948 को पाकिस्तान से जंग करते हुए तथा अपने देश की हिफाज़त करते हुए शहीद हो गए।

ब्रिगेडियर उस्मान के जनाज़े को जामिया के कब्रिस्तान में दफ़नाया गया था जहाँ उनको आखिरी सलाम करने भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तथा मंत्रिमंडल के बहुत से सदस्य मौजूद थे।

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को मरणोपराँत महावीर चक्र से भी नवाज़ा गया।

ब्रिगेडियर उस्मान की बहादुरी को देखते हुए पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री मौहम्मद अली जिन्ना ने उनको पाकिस्तान की सेना का प्रमुख बनाने का ऑफर दिया था। जिसको उन्होंने तुरंत नकार दिया था जिसके बाद पाकिस्तान ने उस वक्त उनपर 50 हजार रूपए का इनाम रखा था।

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