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विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए राहुल गांधी ने बंगाल चुनाव में एक भी रैली नहीं की थी, लेकिन आज ममता बनर्जी बोल रहीं हैं “कोई UPA नही हैं”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करने के बाद से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक अलग राग अलाप रहीं हैं।

ममता बनर्जी विपक्षी एकता के नाम पर कांग्रेस से अलग एक नया गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहीं हैं. जिसका फायदा सीधे-सीधे बीजेपी को होगा।

वरिष्ठ पत्रकार आदेश रावल का कहना है कि “इस कहानी की शुरुआत होती हैं पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद. पहली बार ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री जी से दिल्ली में मुलाक़ात की. उसके तुरंत बाद दीदी के उपचुनाव की घोषणा हो गई. दीदी ने बंगाल से बाहर काम करना शुरू कर दिया।”

पत्रकार आदेश रावल के अनुसार “आज महाराष्ट्र में ममता बनर्जी ने बोल ही दिया कि कोई यूपीए नहीं है. इसको जोड़कर देखिए और सोचिए ममता बनर्जी की इस पहल से किस नेता और कौनसी पार्टी का नुक्सान हो रहा है. सत्ता पक्ष को भी अहसास है कि कोई उन्हें चुनौती दे सकता है तो वह राहुल गांधी है।

बंगाल के चुनाव में राहुल गांधी केरल से असम तक हेलिकॉप्टर से उड़ते रहे लेकिन एक बार भी कोलकाता की तरफ़ नहीं देखा ताकि विपक्ष की एकता के नाम पर बीजेपी को हराया जा सके. लेकिन दीदी ने चुनाव के बाद अलग ही खेल शुरू कर दिया।

कहानी का लेखक कोई और है जो अच्छे से जानता है कि कैसे कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को अलग रखना है. गोवा चुनाव के बाद दीदी की लोकप्रियता में ज़रूर फ़र्क़ पड़ेगा. लेकिन सवाल सिर्फ़ एक ही है क्या नई कहानी के मुताबिक़ दीदी यूपी में अखिलेश यादव के लिए प्रचार करेंगी?

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