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मोदी सरकार में हुई पहली मॉब लीनचिंग के शिकार मोहसिन को 7 साल बाद भी है इंसाफ की तलाश,

आज से 2 दिन पहले ट्विटर पर एक ट्रेंड चलाया गया। ट्रेंड था #7साल_बेमिसाल। ट्विटर पर चलाये जा रहे इस ट्रेंड में मोदी सरकार की सात साल की उपलब्धियों को ग in in qq जा रहा था।

वहीं दूसरी ओर इसके जवाब में विपक्षी दलों द्वारा भी ट्रेंड चलाया गया। #7सालदेशबेहाल हैशटेग के साथ चलाये जा रहे इस ट्रेंड में मोदी सरकार की नाकामियों को गिनाया गया।

आज से ठीक 7 साल पहले मोदी सरकार के शासन काल में पहली मॉब लीनचिंग की घटना घटी। 24 वर्षीय मोहसिन शेख पुणे में रहता था और हाल ही में उसने विप्रो कंपनी में नौकरी जॉइन की थी।

मोहसिन नमाज़ पढ़कर अपने कमरे के तरफ जा रहा था तभी रास्ते में उसे एक भीड़ ने घेर लिया। हथियारों से लैश इस हिंदुत्ववादी भीड़ ने मोहसिन की दाढ़ी और टोपी देखकर मारना पीटना शुरू कर दिया। जय श्री राम के नारों के साथ उग्र हिंदुत्ववादी भीड़ ने वहां खड़ी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया।

मोहसिन के दोस्तों को जब इस बारे में पता चला तबतक काफी देर हो चुकी थी। जब वे वहां पहुंचे तो मोहसिन खून से लथपथ बुरी अवस्था में पड़ा हुआ था।

इस घटना को बीते हुए आज सात साल हो गए हैं। ट्विटर पर कुछ लोग मोदी की उपलब्धियों को गिना रहे हैं और कुछ लोग मोदी की नाकामियों को गिना रहे हैं। ट्विटर पर चलाये जा रहे दोनों पक्षों के ट्रेडों में एक बात समान है और वो ये है कि इसमें मोहसिन के बारे में कोई ज़िक्र नहीं है। मोहसिन के साथ हुई घटना न मोदी की उपलब्धियों में शुमार होता है और न ही नाकामियों में। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि मोहसिन शेख का धर्म।मोहसिन शेख जिस धर्म से ताल्लुक रखता है वो फिलहाल हिंदुस्तान की राजनैतिक हिस्सेदारी से बाहर है।

जबसे मोदी सरकार आयी है तबसे न जाने कितने ही मोहसिनों को धर्म के नाम पर उग्र हिंदुत्ववादी भीड़ द्वारा मार दिया गया। उनके परिवार वाले आज भी इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।

इंसाफ मिलना तो दूर की बात है बल्कि बहुसंख्यक समुदाय के एक बहुत बड़े तबके ने अपराधियों को न सिर्फ संरक्षण दिया बल्कि उनका महिमामंडन भी किया गया। सत्ता रूढ़ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इन हत्याओं के आरोपियों का स्वागत फूल माला से किया। आरोपियों के मरने पर उनके लाश को तिरंगे से लिपटा गया।

कुछ चुनिंदा लोगों को छोड़कर सारे सेक्युलर पार्टियों ने भी इन संगठित हत्याओं को नज़रंदाज़ कर अपराधियों का साथ दिया। अब इस तरह की हत्याएं ट्रेंड बन चुकी हैं। तथाकथित सेक्युलर पार्टियों की खामोशियों ने इस तरह की मॉब लीनचिंग की घटनाओं को रोज़ मर्रा का हिस्सा बना दिया है।

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के सदर असदुद्दीन ओवैसी एकलौते ऐसे लीडर थे जिन्होंने हर मंच से इन राजनैतिक हत्याओं का विरोध किया और विपक्ष की सेक्युलर पार्टियों को भी बोलने पर मजबूर किया।

मोहसिन शेख की मॉब लीनचिंग को आज सात साल बीत गए हैं। अब भी मोहसिन का परिवार इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है। पहले 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। अब सभी जमानत पर बाहर हैं और समाज में एक अपराधी नहीं बल्कि सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं।

AIMIM सदर असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर मोहसिन के लिए महाराष्ट्र सरकार से इंसाफ की गुहार लगाई है।

टीपू सुल्तान पार्टी ने भी ट्वीट कर मोहसिन के लिए इंसाफ की मांग की है।

https://twitter.com/TSP4India/status/1400050888434016263?s=19

एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए टीपू सुल्तान पार्टी ने मोहसिन की हत्या के लिए कांग्रेस पार्टी को भी घेरा है।
पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई ने ट्वीट करते हुए लिखा है “ऐसा नहीं है की कांग्रेस शासन काल में मुस्लिमों पर कम ज़ुल्म हुआ है, कांग्रेस ने ही तो मुस्लिमों का बेड़ा गर्क किया है
और ऐसा ही कुछ हमारे भाई मोहसिन के साथ सन 2014 में हुआ था, एक भीड़ द्वारा मोहसिन को मौत के घाट उतार दिया गया था
आखिर मोहसिन को न्याय कब?”

टीपू सुल्तान पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की मदद से ट्विटर पर #JusticeForMohsin ट्रेंड कर रहा है। अब तक 15 हज़ार से ज़्यादा लोग इस हैशटैग के साथ ट्वीट कर मोहसिन के लिए इंसाफ की मांग की है।

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