देश की राजधानी दिल्ली में सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का बहुत तेज़ी से चल रहा है इसके बीच में आने वाली तमाम चीजों को हटाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली की चार शाही मस्जिदों को नुकसान पहुंचाने का भी अंदेशा लगाया जा रहा है।
ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलीमिन दिल्ली के सदर कलीमुल हफीज ने मस्जिदों की हिफाज़त के लिए आवाज़ बुलंद की है।
कलीमुल हफीज का कहना है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट जिसे मोदी महल कहना ज्यादा सही होगा उसके लिए मस्जिदें कुर्बान नहीं की जा सकतीं। वक्फ बोर्ड को उस वक्त होश आया है जब खतरा सर पर आ गया है उसके बावजूद वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने सिर्फ प्रधानमंत्री को खत लिखकर समझ लिया है कि फर्ज अदा हो गया है।
वक्फ बोर्ड के साथ-साथ दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी भी है कि वह इस सिलसिले में अपना पक्ष साफ करे।
कलीमुल हफीज के अनुसार अव्वल तो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ही नहीं बनना चाहिए ओर पुरानी और ऐतिहासिक मस्जिदों को तोड़कर तो कभी भी नहीं।
दिल्ली के मुसलमान किसी भी कीमत पर अपनी मस्जिदों की हिफाजत करेंगे पहले तो केंद्र सरकार को विस्टा प्रोजेक्ट का नक्शा आम करना चाहिए था अगर उसने नहीं किया था तो ये दिल्ली वक्फ़ बोर्ड की जिम्मेदारी थी कि उस नक्शे को हासिल करता और उस का विस्तार से अध्ययन करता।
अभी भी वक्फ़ बोर्ड को सही स्थिति मालूम नहीं है और हवा में तीर चलाया जा रहा है।
कलीमुल हफीज़ ने कहा कि ये महत्वपूर्ण मुद्दा है , मस्जिदें मुसलमानों की निशानी ही नही उनकी जिंदगी का महंवर है ऐसे मामलात में खत लिखने की कोई कानूनी हैसियत नहीं है।
वक्फ बोर्ड को फौरन कोर्ट पहुंचना चाहिए कलीमुल हफीज ने कहा कि दिल्ली की आप की सरकार को मुसलमानों ने अपना सौ फीसद वोट दिया था मगर सरकार उनके साथ सौ फीसद बेवफाई कर रही है।
इस मामले में दिल्ली सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहिए और मुस्लिम विधायकों को खुलकर अपनी सरकार से कहना चाहिए कृषि भवन, सुनहरी बाग वाली, मस्जिद इंडिया गेट और उपराष्ट्रपति निवास मस्जिद की अपनी एक ऐतिहासिक पहचान है। उनको हटाने और गिराने का ख्याल भी किसी के दिल में नहीं आना चाहिए।
यह मस्जिदें हमेशा सुरक्षित रही है उम्मीद है कि आइंदा भी सुरक्षित रहेंगी दिल्ली के मुसलमान अपनी जान देकर भी इन मस्जिदों को बचाएंगे।
मजलिस के अध्यक्ष ने कहा कि इस सिलसिले में वक्फ बोर्ड और दिल्ली सरकार को जल्द से जल्द अपना पक्ष और पॉलिसी वाज़ेह करनी चाहिए दिल्ली मजलिस बिल्कुल भी खामोश नहीं रहेगी उसके चाहने वाले अल्लाह के घर की हिफाजत के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।
कलीमुल हफीज ने केजरीवाल से सवाल करते हुए कहा कि केजरीवाल किस मुंह से मुसलमानों का सामना करेंगे उन्होंने दिल्ली फसाद में पीड़ितों की ख़बर तक नहीं ली।
उन्होंने कोविड-19 में तबलीगी जमात को बदनाम किया पर अब दिल्ली की मस्जिद पर खामोश हैं आखिर वह साफ-साफ क्यों नहीं कह देते कि मुसलमानों की उनकी नजर में कोई हैसियत नहीं है अफसोस है कि हम उन्हें मसीहा समझते रहे और वह हमारी पीठ में खंजर घुसाते रहे अब दिल्ली की जनता भी समझ चुकी है जिसका नतीजा अभी उन्हें दिल्ली के निगम चुनाव में दिखाई दे जाएगा।
मस्जिदों के नुकसान का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है केन्द्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली सरकार से भी सवाल हो रहे हैं।