वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के प्रमुख और डॉ. भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसकी हिंदुत्व आधारित राष्ट्र की अवधारणा पर कड़ा प्रहार किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि RSS की विचारधारा भारत की संवैधानिक पहचान और राष्ट्र की विविधता को नष्ट करने का प्रयास कर रही है।
प्रकाश आंबेडकर ने अपने बयान में कहा, आरएसएस की हिंदुत्व विचारधारा और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का विचार हमारे देश के साथ विश्वासघात है। आरएसएस की विचारधारा राष्ट्र-विरोधी है और आरएसएस भी राष्ट्र-विरोधी है!”
उन्होंने कहा कि जब कोई संगठन यह दावा करता है कि देश की असली पहचान केवल एक धर्म से तय होनी चाहिए, तो यह न केवल संविधान को चुनौती देता है बल्कि बाबा साहेब आंबेडकर की परिकल्पित न्यायपूर्ण और समतामूलक भारत की नींव पर भी हमला है।
“भारत कई धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों की संयुक्त विरासत है”
VBA प्रमुख ने कहा कि भारत की खूबसूरती उसकी विविधता में है और यही संविधान की बुनियादी आत्मा भी है। ऐसे में किसी एक धर्म को थोपने की कोशिश राष्ट्र की मूल संरचना को कमजोर करेगी।
उन्होंने कहा, हमारा राष्ट्र धार्मिक पहचान से नहीं, बल्कि ‘हम भारत के लोग’ — इस बराबरी और लोकतंत्र के सिद्धांत से परिभाषित होता है।’’
प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की अवधारणा उन दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की पहचान मिटाने का प्रयास है, जिन्होंने भारत के लोकतांत्रिक निर्माण में बराबरी से योगदान दिया है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यह विचारधारा मजबूत होती है तो देश में असमानता और सामाजिक विभाजन बढ़ेगा।

