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इलाहबाद में दलित परिवार के चार लोगों की निर्मम हत्या, RLD नेता प्रशांत कन्नौजिया बोले- गाय हत्या पाप है, दलित हत्या माफ़ है

उत्तर प्रदेश में कानून का राज़ बताने वाले आज इलाहबाद में दलित परिवार के चार सदस्यों की निर्मम हत्या के मामले को लेकर बिलकुल शांत हैं।

इलाहबाद के फाफामऊ थाना क्षेत्र के मोहनगंज फुलवरिया गोहरी गांव में ठाकुर समाज को लोगों पर दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या करने का आरोप लगा हैं।

मरने वालो में 50 वर्षीय फूलचंद एवं उनकी पत्नी मीनू देवी (45), बेटी सपना (17) और 10 साल के बेटे शिव हैं।

दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या पर राष्ट्रीय लोकदल के एससी/एसटी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत कन्नौजिया का कहना हैं कि “गाय हत्या पाप है, दलित हत्या माफ़ है।”

राष्ट्रीय लोकदल का कहना है कि “प्रदेश में आये दिन दलितों पर जुल्म किये जा रहे हैं. हाथरस कांड के जख्म अभी भरे भी नहीं और प्रयागराज में एक दलित परिवार के चार सदस्यों की निर्ममता से हत्या कर दी गई. हत्या से पहले नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ, हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं और पुलिस, प्रशासन व सरकार कुम्भकर्णी निद्रा में सोती रही. आदित्यनाथ के जंगलराज में दलित होना भी अपराध हो गया है।

ब्लॉगर तारीक अनवर चंपारनी के अनुसार “प्रयागराज में जमीन के टुकड़े के लिए पहले दलित महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया फिर परिवार के सदस्यों की हत्या किया गया। पहली बात इन लोगों में दुष्कर्म और हत्या की साहस इसलिए हुई क्योंकि पीड़ित परिवार दलित जाति से है। हत्या और बलात्कार करने वाला ठाकुर जाति से है। इस मामलें में पूरी तरह से जातीय श्रेष्ठता शामिल है।

दूसरी बात अगर पुलिस पैसा खाकर ठाकुर परिवार की मदद कर रहा है तब इस राजनीतिक सिस्टम की विफलता है और बाद में अमीरी-गरीबी का एंगल आता है। भ्र्ष्टाचार और ग़रीबी वाली बातें तो बाद कि है। लेकिन ठाकुरों में बलात्कार एवं हत्या करने का साहस तो इसलिए आया क्योंकि परिवार दलित समाज से है।

इस विभत्सव घटना में गरीबी वाला एंगल लाकर कुछ पत्रकार अपने जाति के लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे है। दरअसल ऐसे शातिर लोग ही असल ब्राह्मणवादी है।

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