केंद्र सरकार द्वारा सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई को मंज़ूरी दिए जाने के तुरंत बाद तमिलनाडु स्थित एक बड़े औद्योगिक समूह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 125 करोड़ रुपये का भारी-भरकम दान दिया है। इस दान की टाइमिंग को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
स्क्रॉल की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, सरकार ने 29 फरवरी 2024 को तीन सेमीकंडक्टर इकाइयों को हरी झंडी दी थी, जिनमें से एक इकाई तमिलनाडु की Murugappa Group को मिली। दिलचस्प बात यह है कि इस समूह का सेमीकंडक्टर सेक्टर में इससे पहले कोई अनुभव नहीं था। उसका मुख्य कारोबार वित्त, कृषि और साइकिल उद्योग जैसे क्षेत्रों में रहा है।
आरोप यह भी लगाए जा रहे हैं कि पिछले करीब एक दशक में इस समूह ने भाजपा को कुल मिलाकर केवल 21 करोड़ रुपये का दान दिया था। लेकिन सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट पास होने के तुरंत बाद, अचानक यह दान बढ़कर 125 करोड़ रुपये पहुँच गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि कॉरपोरेट दान, सरकारी मंज़ूरी और नीतिगत लाभ एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। इससे यह आशंका और भी गहरी होती है कि सरकारी फैसलों के पीछे कहीं राजनीतिक फंडिंग का दबाव या प्रतिफल (quid pro quo) जैसी स्थिति तो नहीं।
विपक्षी दलों ने इस मामले पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि देश की महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर नीति को उद्योग के वास्तविक विकास के बजाय “चंदे और फायदे के गठजोड़” का साधन बनाया जा रहा है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की माँग की है।

