बिहार के भागलपुर में 2 नवंबर को उस वक्त सांप्रदायिक तनाव भड़क गया जब मूर्ति विसर्जन के दौरान हथियारों से लैस एक हिंदुत्ववादी भीड़ ने इमामबाड़ा को निशाना बनाया।
भीड़ इमाम बाड़े के सामने सड़क पर रुकी और एक व्यक्ति दीवार पर चढ़कर भगवा झंडा लहराने लगा, जबकि कुछ अन्य हिंदू पुरुष पवित्र इमारत के पास इजरायली झंडे लहराते नज़र आए।
भीड़ ने महिलाओं को अपमानित करने वाले अत्यन्त अपमानजनक गीत भी बजाए, तथा मुस्लिम समुदाय को धमकाने और क्षेत्र की शांति एवं सद्भाव को खतरे में डालने के लिए कुछ लोग हवा में तलवारें भी लहराते देखे गए।
भारी आलोचनाओं और सख्त कार्रवाई की मांग के बाद, भागलपुर पुलिस ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि, भागलपुर पुलिस को सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो प्राप्त हुआ है, जिसमें एक व्यक्ति को लालमटिया पुलिस स्टेशन के पास एक धार्मिक स्थल पर झंडा फहराते हुए देखा जा सकता है।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना को लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का कहना है कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से मिली जमीन, प्रोत्साहन, प्रायोजन एवं आत्मविश्वास के बल पर RSS और BJP के लोग भागलपुर में मस्जिद पर चढ़ कर झंडा लहरा रहे है। अब प्रदेशवासी कह रहे है कि अस्वस्थ अवस्था के कारण श्री नीतीश कुमार जी RSS से भी अधिक ख़तरनाक हो चुके है।