कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद की दस्तक अब मुंबई में भी सुनाई देने लगीं हैं, बीते दिनों एक कॉलेज ने अचानक से हिजाब और बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया हैं जिसके कारण मुस्लिम छात्राओं को काफ़ी परेशानी हो रहीं हैं।
मामला चेम्बूर में स्थित एनजी आचार्य एंड मराठे स्कूल और कॉलेज का हैं जहां प्रशासन ने 1 और 2 अगस्त को अचानक से बुर्का और हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी तथा हिजाब और बुर्के में आई छात्राओं को स्कूल के गेट पर ही रोक लिया गया।
कॉलेज के इस फ़ैसले के बाद से छात्राएं और उनके अभिभावक काफ़ी परेशान हैं, स्कूल प्रशासन का कहना हैं कि उन्होंने 1 मई 2023 को एक सर्कुलर जारी कर PTA मीटिंग में बच्चों के अभिभावकों को बता दिया था कि हिजाब, बुर्का और दुपट्टा पहनकर अब एंट्री नहीं होगी. हालांकि अभिभावकों इस बात से साफ इंकार कर रहें हैं, अभिभावकों का कहना हैं कि, 1 मई की पीटीए मीटिंग में बुर्का या हिजाब को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
छात्राओं का कहना हैं कि, वह बिना हिजाब और बुर्के के कॉलेज नहीं जाएगी क्योंकि वह घर में भी हिजाब पहनकर रहती हैं।
इस मामले पर सपा विधायक अबू आसिम आजमी का कहना हैं कि, मुंबई में चेम्बूर के एन.जी. आचार्य एवं डी.के. मराठे कला कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा आज मुस्लिम छात्राओं को बुर्का और हिजाब गेट पर निकलने के निर्देश दिए गए।
कल तक मुस्लिम छात्राएं बुर्का और नक़ाब के साथ इसी कॉलेज में आती थी आज ये नया कानून सिर्फ समाज में फिर वही हिन्दू मुस्लिम करने के लिए बनाया गया है? शिक्षण संस्थानों का काम समाज में बिना किसी भेदभाव के शिक्षा पहुंचना है ना की किसी धर्म विशेष को टारगेट कर राजनितिक मुद्दा बनाना।
अबू आसिम आजमी ने उच्चा शिक्षा मंत्री श्री चंद्रकांत पाटिल से निवेदन करता हूँ की ऐसी शिक्षण संस्थाएं जो समाज में सांप्रदायिक मुद्दे पैदा कर रही हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।