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9 साल से लापता JNU छात्र ‘नजीब’ की क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट ने स्वीकार की, मां बोली- आख़िरी सांस तक लड़ूंगी

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को केस बंद करने की अनुमति दे दी है।

CBI ने क्लोज़र रिपोर्ट साल 2018 में दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि नजीब की तलाश में कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका।

नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस ने मंगलवार को CBI और दिल्ली पुलिस पर उनके बेटे के मामले में ‘‘लापरवाही’’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर न्याय पाने के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा, तो वह पीछे नहीं हटेंगी।

नजीब का मां के मुताबिक, मेरे नजीब को गायब हुए 9 साल से भी ज़्यादा हो गए हैं। लेकिन जिस लापरवाही के साथ पहले दिन से दिल्ली पुलिस और CBI ने काम किया, उसका ही नतीजा है कि आज कोर्ट ने CBI की क्लोज़र रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।

आज तक न दिल्ली पुलिस, न CBI, उन ABVP से जुड़े छात्रों को गिरफ़्तार कर पाई, न ही कोई कार्रवाई कर सकी,जिन गुंडों ने मेरे बेटे के साथ मारपीट की और उस के बाद उसे गायब कर दिया।

सालों तक मेरे बेटे के बारे में अफ़वाहें फैलाई गईं, झूठ फैलाया गया। जोकि दिल्ली की उच्च अदालत के आदेश के बाद सभी डिजिटल प्लेटफार्म और सोशल मिडिया प्लेटफार्म से हटाया गया लेकिन सच यही है — इतनी बड़ी जांच एजेंसियां और पूरी न्याय व्यवस्था आज तक यह नहीं बता सकी कि मेरा नजीब कहाँ है।

इस पूरे वक्त में, जब सिस्टम ने हमें चुप कराने की कोशिश की, तब JNU के छात्रों और देशभर के छात्रों ने अलग अलग कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ जैसे AMU, JAMIA से मेरा साथ दिया। उन्हीं बच्चों ने सड़कों पर लाठियां खाईं, हमारे लिए आवाज़ उठाई – यही साथ और यही लड़ाई मुझे हौसला देती है।

कई बार लगता है कि कैसे उम्मीद छोड़ दूँ? कैसे ये हौसला टूटने दूँ? आख़िर वो मेरा बेटा है। मुझे मेरा बेटा चाहिए। अगर इसके लिए मुझे देश की हर अदालत तक जाना पड़े – मैं जाऊंगी। आख़िरी सांस तक लड़ूंगी।

मैं उम्मीद करती हूँ कि आने वाले दिनों में और लोग भी मेरे साथ जुड़ेंगे। ये लड़ाई सिर्फ मेरे बेटे की नहीं, हर उस माँ की है जो अपने बच्चे के लिए न्याय चाहती है। इसके लिए मुझे देश की सर्वोच्च अदालत जाना पड़ा तो वहा भी जाऊंगी।”

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