अक्सर जब मैं मुसलमानों के हितों को ध्यान में रखते हुए EWS आरक्षण (EWS Reservation) का समर्थन करता हूँ तो अधिकतर लोग खिसिया जाते हैं मगर हकीकत तो यही है कि इस आरक्षण की वजह से मुस्लिम युवाओं को बहुत फायदा हुआ है।
हाल ही में यूपी पुलिस (UP Police) की परीक्षा हुयी जिसमें 154 मुस्लिम युवा (Muslim Youth) 8 मुस्लिम लड़कियों समेत EWS आरक्षण की वजह से उत्तीर्ण हुए हैं। इस श्रेणी में कुल 6024 युवा यूपी पुलिस की भर्ती में सफल हुए हैं।
सीधे तौर पर बात करूँ तो EWS श्रेणी के तहत 4819 उत्तीर्ण लड़कों में 146 मुस्लिम युवा लड़के सफल हुए है। इसके हिसाब से प्रति एक हजार पर मुस्लिम लड़कों की औसत 30 की रही है। ऐसे में जब मुस्लिम सरकारी सतह पर भागीदारी में जीरो है वहां ये आंकड़ा भी बुरा नहीं है।
ऐसे ही EWS के तहत सफल 1205 लड़कियों में केवल 8 मुस्लिम लड़कियां ही सफल होने में कामयाब रही है। इसमें बहुत हद तक मुस्लिम समाज में लड़कियों को पुलिस में नहीं भेजना वाला मामला भी जिम्मेदार रहा है वहीं सरकारी सतह पर कम मौके मिलना भी एक कारक माना जा सकता है।
मेरा साफ़ और स्पष्ट कहना है जब मुस्लिम समाज समाजिक, आर्थिक और राजनीतिक तौर पर पहले से ही हाशिये पर मौजूद है अगर ऐसे में एक आरक्षण की वजह से अगर एक भी मुस्लिम युवा सरकारी जॉब (Govt Job) में भागीदार बनता है तो उसकी अहमियत से इंकार नहीं किया जा सकता है।
यहां तो 154 मुस्लिम युवा EWS आरक्षण की वजह से यूपी पुलिस (Uttar Pradesh Police) के भागीदार बनने जा रहे है। ज्ञात रहे इस लिस्ट में जनरल और OBC श्रेणी के मुस्लिम युवा शामिल नहीं है।
अगर मैं EWS श्रेणी के तहत इस भर्ती के नतीजों में मुसलमानों की भागीदारी की बात करूँ तो लगभग 3% होगी जो कि आबादी के हिसाब से कम है मगर पुराने रिकॉर्ड देखने पर पता चलता है कि ये गिनती और भी निम्न स्तर पर मौजूद थी।
(यह लेख अंसार इमरान ने लिखा है, लेखक रिसर्चर है)