असम के न्यू तिनसुकिया रेलवे स्टेशन पर सोमवार को जम्मू–कश्मीर के 44 मज़दूरों को स्थानीय लोगों ने “संदेह” के आधार पर रोक लिया।
अरुणाचल प्रदेश में काम पर जा रहे इन मज़दूरों को पुलिस ने दस्तावेज़ों की जांच और पहचान सत्यापित करने के बाद आगे बढ़ने की अनुमति दे दी।
तिनसुकिया के एसएसपी मयंक कुमार ने बताया कि सभी मज़दूर डोडा और किश्तवाड़ जिलों से हैं और चंडीगढ़ से ट्रेन के जरिए तिनसुकिया पहुँचे थे। जैसे ही वे अपनी यात्रा आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहे थे, कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें रोककर “संदिग्ध” बताया।
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मज़दूर स्टेशन के बाहर सड़क पर बैठे दिखाई देते हैं, जबकि उनके आसपास खड़े लोग अधिकारियों से यह पूछते सुने जाते हैं कि “क्या वे पाकिस्तान से हैं?” कई स्थानीय लोग 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला विस्फोट का ज़िक्र करते हुए अतिरिक्त सतर्कता की माँग कर रहे थे।
एसएसपी कुमार ने बताया कि मज़दूर अरुणाचल प्रदेश में पावर ग्रिड प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए एक ठेकेदार द्वारा रखे गए कुशल श्रमिक हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने सभी की पहचान और दस्तावेज़ चेक किए जो पूरी तरह सही पाए गए, जिसके बाद उन्हें यात्रा जारी रखने दी गई।
दिल्ली में हाल में हुए विस्फोट के बाद असम में सुरक्षा को लेकर तनाव बढ़ गया है। राज्य सरकार ने सोशल मीडिया पर “आतंकवाद के समर्थन” जैसी सामग्री पोस्ट या शेयर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज़ कर दी है। अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
घटना ने प्रवासी कश्मीरी मज़दूरों की सुरक्षा और बढ़ती संदेहपूर्ण हिंसा (suspect profiling) को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

