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वाकई नफरत के सौदागर हैं स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती? मिसाइल मैन “अब्दुल कलाम” को कह चुके हैं आतंकी

आपको तो याद ही होगा कि कुछ दिनों पहले ही ग़ाज़ियाबाद के डासना में आसिफ नाम के एक मुस्लिम लड़के को मंदिर के अंदर पानी पीने के कारण बेरहमी से मारा गया था। इस घटना के बाद से ही इस मंदिर के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती भी काफी चर्चा में हैं। दरअसल उन्होंने न सिर्फ आरोपी के पक्ष में बयान दिया है बल्कि उन्होंने आसिफ के ऊपर चोरी और लड़कियों को छेड़ने का भी आरोप लगाया है।

इतना ही नहीं बल्कि महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने तमाम हिंदूवादी संगठनों को इकठ्ठा करके एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैला कर वहां के माहौल को तनावपूर्ण भी बना दिया था। स्वामी नरसिंहानंद ने मुसलमानों के मंदिर में न जाने देने के लिए एक अभियान भी चलाया है। उन्होंने तमाम संगठनों से मंदिर के बाहर पोस्टर लगाने की अपील की है जिसमें ये लिखा हो कि “इस मंदिर में गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है”।

इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर स्वामी नरसिंहानंद की कई सारी वीडियो वायरल हो रही है। ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है जो कुछ दिनों पहले का है। अलीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए स्वामी जी कहते हैं कि “अब्दुल कलाम बेशक से भारत का राष्ट्रपति बना लेकिन वो नंबर वन का जिहादी था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को एटम बम के फार्मूले अब्दुल कलाम ने दिए।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अफजल गुरु और अब्दुल कलाम का संबंध आपको गूगल पर मिल जाएगा।

स्वामी जी यहीं तक नहीं रुके बल्कि उन्होंने ने अब्दुल कलाम जी पर मर्डर तक के इल्ज़ाम लगा दिए। उन्होंने कहा कि उनके राष्ट्रपति और DRDO के चैयरमैन रहते न जाने कितने ही हिन्दू वैज्ञानिकों की हत्याएं हुई।

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