नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान दिल्ली में जबरदस्त सांप्रदायिक हिंसा हुई थी जिसमें सैकड़ो लोग मारे गए थे तथा बहुत सारे लोग जख्मी हुए थे।
दिल्ली हिंसा के दौरान एक चेहरा बहुत चर्चा में आया था जिसका नाम शाहरुख पठान था। शाहरुख वायरल विडियों में खुलेआम बंदूक लहराता हुआ दिख रहा था।
विडियों के वायरल होने के बाद पुलिस ने शाहरुख पठान को गिरफ्तार कर लिया था। आज शाहरुख पठान को जेल में बंद हुए कई महीने बीत चुके है लेकिन उसको जमानत नही मिल रही है।
कोर्ट ने शाहरुख पठान की 6 जमानत याचिकाएं खारिज कर दी है तथा उसके ही जैसा जुर्म करने वाले कपील गुर्जर और राम भक्त गोपाल जेल से बाहर घूम रहे है।
दंगाग्रस्त जाफराबाद इलाके के लोगों का कहना है कि शाहरुख पठान ने अपनी बंदूक के जरिए कम से कम 80 लोगों की जान बचाई थी। जब दंगाईयों की भीड़ मुसलमानों के घरों की तरफ बढ़ रही थी तब शाहरूख पठान ने ही अपनी बंदूक के जरिए सेल्फ डिफेंस करके लोगों की जान बचाई थी तथा दंगाई को भगाया था।
लोगों का कहना है कि शाहरुख ने बंदूक सेल्फ डिफेंस के लिए इस्तेमाल की थी न कि किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए। हमारे देश का कानून भी सेल्फ डिफेंस का अधिकार देता है।
गुलज़ार असलम का कहना है कि “अगर शाहरुख़ पठान ना होता तो शायद दिल्ली मे मुस्लिम विरोधी दंगे मे हजारो मुस्लिम माँ बहनो की लाशे बिछ चुकी होती? हजारो महिलाओ को बचाने के जुर्म मे ही शायद शाहरुख़ पठान को जमानत नही मिल रही जबकि कपिल गुर्जर, रामभक्त गोपाल आजाद है?
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लोगों ने कहा है कि शाहरुख को जल्द से जल्द रिहा किया जाएँ वह बेकसूर है। सोशल मीडिया पर भी शाहरुख़ पठान के समर्थन में आवाजें बुलंद हो रही है।