राजस्थान में एक साधू ने खुलेआम भरी सभा में भारत के संविधान को बदलने का आह्वान किया हैं इसके साथ साथ उन्होंने संविधान से सेक्युलर शब्द भी हटाने की मांग की हैं।
यह सब तथाकथित सेक्युलर कांग्रेस पार्टी की सरकार के राज़ में हुआ हैं इसके अलावा चौकाने वाली बात यह हैं कि इस दौरान मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद रहें।
ओम बिरला को अकसर संसद भवन में संविधान की दुहाई देते हुए देखा जा सकता हैं लेकिन इस बार उनके सामने संविधान बदलने की बात हुई और वह ख़ामोश बैठे रहें।
जानकारी के मुताबिक़, चित्तौड़गढ़ में एक सभा को संबोधित करते हुए साधू ने कहा कि, इमरजेंसी काल में जब विपक्ष के सभी नेता जेल में बैठे थे, उस समय आधी रात को 12 बजे कुछ लोगों ने संविधान के प्रियेंबल में धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ दिया और इस देश को अधर्म सापेक्ष बना दिया, तुम्हारे बाप का यह देश हैं?
हमारे पूर्वजों ने इस संविधान को इसलिए स्वीकार नहीं किया था कि देश के 75 सालों बाद भी हिंदू अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें. हमारे देव स्थान सुरक्षित नहीं हैं, हमारी पूजा पद्धतियां सुरक्षित नहीं हैं।
साधू ने आगे कहा, अगर आवश्कता हो तो ऐसे संविधान में आमूल चूल परिवर्तन करके उसको बदलना चाहिए, हिंदू अब बहुत समय तक अत्याचार सहन करने वाला नहीं हैं।