7 अक्टूबर को हमास द्वारा इसराइल पर किए गए हमले के बाद से लगभग 200 भारतीय युवक इसराइली फौज में शामिल हो गए हैं तथा फिलिस्तीन के ख़िलाफ़ चल रही जंग में लड़ने की तैयारी कर रहें हैं।
द आब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़, यहूदी बेनी मेनाशे समुदाय के 200 से अधिक सदस्य आप्रवासित होकर इज़राइल चले गए हैं, इज़राइल की गैर-लाभकारी संस्था
शावेई के मुताबिक़, इन लोगों को आरक्षित या सक्रिय युद्ध ड्यूटी के लिए बुलाया गया है।
भारत के इन हालिया अप्रवासियों में से 75 को लड़ाकू इकाइयों में भर्ती किया गया है जबकि 140 को इसराइली सेना की आरक्षित सेवा के लिए बुलाया गया हैं।
शावेई माइकल फ्रायंड द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी संस्था हैं जो दुनिया भर में प्रवासी समुदायों और इज़राइल राज्य के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए समर्पित है।
आपको बता दें कि, दो दशकों से अधिक समय से यह संगठन बेनी मेनाशे समुदाय के लोगों की बड़े पैमाने पर आप्रवासन की पैरवी कर रहा है जो इज़राइल की खोई हुई जनजातियों में से एक के वंशज होने का दावा करते हैं।