2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारत के जानें मानें वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत 600 से अधिक वकीलों ने चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर कुछ लोगों पर न्यायपालिका पर दबाव डालने का आरोप लगाया है।
पत्र में किसी संगठन या व्यक्ति का नाम नहीं है, लेकिन एक खास समूह का बार बार जिक्र किया गया है. वकीलों का आरोप है कि राजनीतिक एजेंडा साधने के लिए गलत तर्कों के आधार पर भारतीय न्यायपालिका पर दबाव बनाने और अदालतों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
पत्र में कहा गया है कि, यह समूह राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर कोर्ट के फैसलों पर उल्टा सीधा बयान देते हैं, इन लोगों ने बेंच फिक्सिंग का पूरा सिद्धांत गढ़ा है जो अदालतों के सम्मान और प्रतिष्ठा पर हमला है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि ये लोग देश की अदालतों की तुलना उन देशों अदालत या कानून से करते है जहां कानून का कोई राज ही नहीं है।
पत्र में चीफ़ जस्टिस से अनुरोध किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट मजबूती से खड़ा होकर ऐसे हमलों से अदालतों की रक्षा करने के लिए कदम उठाए, चुप रहने और कुछ न करने से इन लोगों को और ज्यादा ताकत मिल सकती है।
आपको बता दे कि वैसे तो इस पत्र में किसी भी पार्टी या समूह का जिक्र नहीं है लेकिन फिर भी पक्ष और विपक्ष द्वारा इस चिट्ठी को लेकर जुबानी जंग तेज़ हो गईं है, बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद का कहना है कि, भारतीय न्यायपालिका एक असाधारण संस्था है और उसे किसी भी मुद्दे पर अपनी इच्छानुसार निर्णय लेने का पूरा अधिकार है।