अफगानिस्तान से धीरे-धीरे अमेरिका की सेना वापस जाने लगी है तथा सत्ता की चाबी जल्द ही तालिबान के हाथ में आने वाली है।
अमेरिका अफगानिस्तान में अपना अरबों रूपया खर्च कर चुका है तथा उसके बाद भी वह खाली हाथ है इसलिए अब उसने अफगानिस्तान को छोड़ने का मन बना लिया है।
अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी पर उसके मोहरे जो अब तक सत्ता पर काबिज थे वह अब घबराने लगें है क्योकि अफगानिस्तान में एक बार फिर इस्लामी वयवस्था कायम होने वाली है।
अमेरिका अफगानिस्तान से जाने के बाद यहां की सत्ता तालिबान को देना चाहता है जिसके लिए लगातार अमेरिका, अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांती वार्ता भी हो रही है।
तालीबान जल्द ही अफगानिस्तान की सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेने वाला है जिसके लिए तालीबानी नेताओं ने तैयारी भी शुरू कर दी है।
तालीबान के नेताओं ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि हम शांती वार्ता में यकीन रखते है तथा अफगानिस्तान में इस्लामी निजाम कायम करना चाहते है।
तालीबानी नेता के अनुसार हम ऐसा इस्लामी निजाम कायम करना चाहते है जिसमें औरतों को धार्मिक मान्यताओं और संस्कृति के तहत उनका हम मिले।
फिलहाल तालिबान ने अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में अपना कब्जा भी कर लिया है तथा अन्य हिस्सों के लिए अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांती वार्ता ज़ारी है।