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इजराइली हमलों के खिलाफ एकजुट हुए मुस्लिम देश, इजराइल को बताया वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा

क़तर की राजधानी दोहा में सोमवार को अरब देशों की लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सदस्य देशों के नेताओं की आपात बैठक हुई। यह बैठक क़तर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के निमंत्रण पर इज़राइल द्वारा क़तर पर किए गए हालिया हमले की निंदा करने और क़तर के साथ पूर्ण एकजुटता जताने के उद्देश्य से बुलाई गई थी।

नेताओं ने क़तर की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि इज़राइल का यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन है तथा क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा है।

संयुक्त घोषणा में कहा गया कि 9 सितम्बर को दोहा के रिहायशी इलाके पर इज़राइल का हमला न केवल क़तर पर बल्कि सभी अरब और इस्लामी देशों पर सीधा आक्रमण है। इसमें स्कूलों, नर्सरियों, राजनयिक मिशनों और वार्ता प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी करने वाले भवनों को निशाना बनाया गया था। हमले में एक कतरी नागरिक सहित कई लोगों की मौत हुई।

बैठक में अपनाए गए 25 बिंदुओं वाले प्रस्ताव में निम्न बातें प्रमुख रहीं:

इज़राइल की आक्रामक नीतियों, नरसंहार, जातीय सफाये और बस्तियां बसाने की गतिविधियों की कड़ी निंदा।

क़तर के साथ हर स्तर पर एकजुटता और उसकी सुरक्षा, संप्रभुता तथा नागरिकों की रक्षा के लिए समर्थन।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इज़राइल पर प्रतिबंध लगाने, हथियारों की आपूर्ति रोकने और कानूनी कार्यवाही की मांग।

ग़ाज़ा पर हमले रोकने, युद्धविराम सुनिश्चित करने और पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता का आह्वान।

संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता की मांग और पूर्वी येरुशलम को राजधानी बनाकर स्वतंत्र फ़िलिस्तीन राज्य की स्थापना का समर्थन।

यरूशलेम के इस्लामी और ईसाई पवित्र स्थलों की रक्षा और हाशमी संरक्षकता को मान्यता।

नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इज़राइल की आक्रामकता को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए, तो क्षेत्रीय और वैश्विक शांति गंभीर खतरे में पड़ जाएगी।

सम्मेलन के अंत में सदस्य देशों ने क़तर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी को इस बैठक की सफल मेजबानी और अरब-इस्लामी एकजुटता को मजबूत करने के उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।

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