उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर 2025 को हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के संस्थापक और प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान के खिलाफ तीन और मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए हैं।
इसके साथ ही इस हिंसा से जुड़े कुल 10 मामलों में से अब तक सात में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, जबकि शेष तीन मामलों की जांच अभी जारी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि इससे पहले चार मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके थे। ताज़ा तीन चार्जशीट कैंट थाना, किला थाना और प्रेमनगर थाना में दाखिल की गई हैं। इन सभी मामलों में मौलाना तौकीर रज़ा को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
पुलिस जांच में दावा किया गया है कि हिंसा की योजना पहले से तैयार की गई थी और इसमें मौलाना तौकीर रज़ा की केंद्रीय भूमिका थी। आरोप है कि उन्होंने अपने करीबी सहयोगियों को भीड़ इकट्ठा करने और पुलिस पर हमला करने के लिए उकसाया।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में आईएमसी के महासचिव नफीस खान, पूर्व जिला अध्यक्ष नदीम खान और मुनीर इदरीसी सहित कई लोगों की संलिप्तता सामने आई है।
आपको बता दें कि, कानपुर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान लगाए गए “आई लव मोहम्मद” पोस्टरों को लेकर उठे विवाद के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी। कुछ संगठनों द्वारा इन पोस्टरों पर आपत्ति जताए जाने के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया, जो बाद में बरेली में हिंसा में बदल गया।
नए आरोपपत्रों में कई अन्य आरोपियों के नाम भी शामिल किए गए हैं। कुछ मामलों की जांच अपराध शाखा को सौंपी गई है। हालांकि कुछ मामलों में सशर्त जमानत मिल चुकी है, लेकिन लंबित केसों के चलते मौलाना तौकीर रज़ा फिलहाल जेल में ही रहेंगे।

