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नजीब अहमद केस: क्लोज़र रिपोर्ट के खिलाफ मां ने की अपील, हाईकोर्ट ने CBI को दिए अहम दिशा-निर्देश

जेएनयू से गायब छात्र नजीब अहमद के मामले में उनकी मां फ़ातिमा नफीस ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट द्वारा क्लोज़र रिपोर्ट स्वीकार किए जाने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की।

फ़ातिमा नफीस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोविंद मनोहरन, समिक्षा गोदियाल और तेनज़िंग नामग्याल भूटिया ने यह अपील दाख़िल की।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता आदित्य वाधवा ने कानूनी टीम के साथ फातिमा नफीस का पक्ष रखते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के सार्थक सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन किया गया है, क्योंकि मामले से जुड़े अहम दस्तावेज़ और सबूत उन्हें उपलब्ध नहीं कराए गए।

उन्होंने यह भी दलील दी कि CBI की जांच स्पष्ट रूप से अधूरी है, खासकर डिजिटल फॉरेंसिक साक्ष्यों की बरामदगी के मामले में।

कानूनी टीम ने अदालत को बताया कि स्वतंत्र फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) विशेषज्ञों का बयान पेश किया गया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि मोबाइल फोन लॉक तोड़ने के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर उपलब्ध थे, इसके बावजूद CBI ने उनका समुचित उपयोग नहीं किया।

वकीलों ने यह भी आरोप लगाया कि CBI ने विरोधी छात्र गुट से जुड़े छात्रों के स्पष्ट मोटिव को नज़रअंदाज़ किया और जांच के निष्कर्ष वैज्ञानिक विश्लेषण या ठोस सबूतों के बजाय अटकलों व अप्रमाणित दावों पर आधारित हैं।

जेएनयू छात्रसंघ की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, अपील पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI की जांच पर असंतोष जताया, विशेष रूप से आरोपियों के डिजिटल उपकरणों को अनलॉक करने के लिए वैज्ञानिक तकनीक के इस्तेमाल में कमी को लेकर।

अदालत ने CBI को निर्देश दिया है कि वह वैज्ञानिक विशेषज्ञों की राय की जांच करे और उसके निष्कर्षों की जानकारी नजीब के परिवार को दे।

हालांकि, अन्य मांगों पर अदालत ने इस स्तर पर जांच दोबारा खोलने का निर्देश देने से इनकार कर दिया।

फिलहाल लिखित आदेश का इंतज़ार किया जा रहा है। आदेश आने के बाद जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करेगा और फ़ातिमा अम्मी आगे की रणनीति तय करेंगी।

बयान में कहा गया कि शुरू से ही यह स्पष्ट रहा है कि दिल्ली पुलिस और CBI दोनों ही नजीब के मामले में निष्पक्ष और प्रभावी जांच करने में विफल रही हैं। वर्षों की भागदौड़ के बावजूद अब तक न तो नजीब के साथ क्या हुआ, इसका जवाब मिला है और न ही उनके परिवार को न्याय। “सच्चाई सामने आने तक नजीब के लिए न्याय की लड़ाई जारी रहेगी,” बयान में दोहराया गया।

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