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अमरोहा डकैती मामला: पुलिस की जांच पर पीड़ितों ने उठाए सवाल, बोले- पुलिस लूटेरों तक पहुंचने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है

थाना डिडौली पुलिस ने कुछ मामलों में धर-पकड़ कर अपने सक्रिय होने का प्रमाण दिया हो लेकिन गंभीर- सामान्य चोरी, लूट- डकैती और छीना- झपटी के मामलों का पर्दाफाश नहीं कर पा रही है।

एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून-व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, वहीं दूसरी तरफ अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। कुछ मामलों में संदिग्धों को कई-कई दिन थाने में बैठाकर छोड़ दिया।

हाल में हुई घटनाओं का भी यही हाल है। मामले को ठंडे बस्ते में डालकर फाइनल रिपोर्ट लगाकर दायित्वों की इतिश्री करने का ताना बाना बुना जा रहा है।

आपको बता दें कि मामले को एक महीना होने जा रहे हैं लेकिन अमरोहा की थाना डिडौली पुलिस अभी तक उन लुटेरों के बारे में भी कुछ पता नहीं लगा सकी है।

बता दें कि मामला 17 अगस्त उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के डिडौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गाँव चौधरपुर का है। आधी रात को चोरों ने एक लकड़ी के कारखाने में घुसकर चार लाख रुपये का सामान लूट लिया था और घर के मालिक कफील अहमद और उनके पुत्र उबैस को बांधकर बुरी तरह पीटा था।

पीड़ित कफील अहमद ने बताया कि वह और उनका पुत्र रोज़ की तरह लकड़ी के कारखाने में सो रहे थे, तभी आधी रात में छह या सात लोग कारखाने में घुस आए थे, उन्होंने हमें बांध दिया और फिर बुरी तरह पिटाई की। उसके बाद चोर चार लाख रुपये का सामान लेकर फरार हो गए। कफील अहमद के सिर पर गंभीर चोटें आई थीं. और उनके पुत्र उबैस का हाथ टूट गया था।

पीड़ित डर के साय में रहने को मजबूर है, लेकिन स्थानीय पुलिस लूटेरों तक पहुंचने में पूरी तरह नाकाम हो गई है। पीड़ित ने अमरोहा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पास भी लिखित तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन तहरीर का भी पीड़ित को कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है।

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