अलीगढ़ मॉब लिंचिंग के पीड़ितों से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता और अमरोहा के पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा कि हमने (भारत ने) दुनिया को दिखाया कि पाकिस्तान कैसे धर्म के नाम पर मासूमों की जान लेता है।
लेकिन अलीगढ़ जैसी घटनाएँ बता रही हैं कि भारत को भी उसी रास्ते पर जबरिया धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस-भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए धार्मिक कट्टरता चाहिए। पहलगाम और अलीगढ़ दोनों अलग चेहरे हैं, लेकिन नफरत एक ही है।
पूर्व सांसद कुंवर दानिश मंगलवार को अलीगढ़ आए थे वह हरदुआगंज के पास मॉब लिंचिंग के जानलेवा हमले में घायल हुए पीड़ितों से मुलाकात कर रहे थे उन्होंने पीड़ित और उनके परिवार वालों को ढाढस बढाया पूर्व सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी के गौ रक्षक योजना की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह योजना उन्होंने तब शुरू की थी जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे, क्योंकि उन्हें तभी समझ आ गया था कि उनके पास देश को देने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है, न भविष्य की दिशा।
उनकी रणनीति थी कि बेरोज़गार युवाओं की हताशा को नफरत में बदलो, उन्हें भीड़ का हिस्सा बना दो और अपने असफल शासन को अराजकता की आड़ में छुपा दो। ताकि हम सत्ता में बने रहे और कोई हमसे सवाल न पूछे, धर्म के नाम पर युवाओं में कट्टरता बढ़ाते रहे, चिंता की बात यह है कि देश की मासूम जनता अभी उनके मकसद को समझ नहीं पाई है।
पूर्व सांसद दानिश अली ने कहा कि गोवंश संरक्षण के नाम पर भाजपा-आरएसएस की विचारधारा ने जानबूझकर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच डर और अविश्वास का माहौल बनाया है हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि हिंदू मुस्लिम इलाकों में जाने से डरते हैं और मुस्लिम हिंदू बहुल इलाकों में जाने से. ये डर आज का नहीं है, स्वतंत्रता से पहले से बोया गया बीज है। इसका एक ही उद्देश्य है समाज को बाँटकर शासन करना।
उन्होंने दोनों समुदायों से अपील करते हुए कहा कि इस डर को पहचानें और इसके पीछे की साजिश को उजागर करें। पूर्व सांसद दानिश अली ने कहा कि सत्ता द्वारा प्रायोजित मुस्लिम विरोधी नैरेटिव सिर्फ नफरत नहीं है, ये एक सोची-समझी चाल है।
इसका असली मकसद है ग़रीब और वंचित समाज के लोगों को आपस में लड़ाकर, उन्हें एकजुट होने से रोकना ताकि वे कभी रोज़गार, न्याय, शिक्षा और सम्मान की माँग ना कर सकें। जब जनता बंटी रहेगी, तब सत्ता सवालों से बची रहेगी और भाजपा नीति सरकार शासन में बनी रहेगी।
कांग्रेस नेता दानिश अली ने कहा कि सत्ता में बैठे हुए भाजपा और उससे जुड़े लोग हमें डराना चाहते हैं, उकसाना चाहते हैं ताकि अपनी नफ़रत को जायज़ ठहराने का बहाना पा सकें लेकिन ये ज़मीन हमारी भी है। चाहे वो कितना भी ख़ून बहा दें, कितनी भी ज़िंदगियाँ लूट लें हम हार नहीं मानेंगे।
हम न डर से लड़ेंगे, न ग़ुस्से से हम लड़ेंगे संविधान के साथ और देश की आत्मा के साथ और जीत हमारी होगी नफरत हारेगी।