पटना में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब खींचे जाने के कथित घटनाक्रम ने सियासी हलकों में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है।
इस मामले में अब भारतीय जनता पार्टी के भीतर से भी आलोचना सामने आई है। भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने इस घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद से सार्वजनिक माफी की मांग की है।
बाराबंकी जिला महिला अस्पताल के दौरे पर मीडिया से बातचीत में अपर्णा यादव ने कहा कि किसी भी महिला की गरिमा में हस्तक्षेप करना अस्वीकार्य है, चाहे उसका धर्म या जाति कुछ भी हो।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपने आचरण और भाषा के प्रति बेहद संवेदनशील होना चाहिए, क्योंकि उनके व्यवहार का समाज, खासकर महिलाओं पर गहरा असर पड़ता है।
अपर्णा यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस मामले में नीतीश कुमार और संजय निषाद दोनों की भूमिका गलत है।
उन्होंने कहा कि किसी महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता और ऐसी घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
विवाद उस वक्त और बढ़ गया जब संजय निषाद की एक कथित टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसे व्यापक तौर पर आपत्तिजनक और स्त्री-विरोधी बताया गया। इस बयान को लेकर महिला संगठनों और नागरिक अधिकार समूहों ने तीखी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर अभद्र व्यवहार दिखाया गया है।
वीडियो सामने आने के बाद खासतौर पर मुस्लिम समुदाय और महिला संगठनों में आक्रोश देखा जा रहा है। कई संगठनों ने इसे महिलाओं के सम्मान, सहमति और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है।
सूत्रों के मुताबिक, संबंधित महिला डॉक्टर इस घटना से मानसिक रूप से आहत हैं और उन्होंने सरकारी सेवा में शामिल न होने का फैसला किया है। यह मामला अब केवल राजनीतिक विवाद तक सीमित न रहकर, महिलाओं की गरिमा और सार्वजनिक जीवन में उनके सम्मान के बड़े सवाल से जुड़ गया है।

