उत्तर प्रदेश के जिला आगरा के ताजगंज क्षेत्र में हुई गोलीबारी की घटना को लेकर सांसद चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने गुस्से का इज़हार करते हुए हमलावरों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है।
चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि, इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रदेश में आम नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा आज सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है।
बिरियानी विक्रेता दो भाइयों (गुलफाम और सैफ) से दुकान के बाहर पैसे के विवाद को लेकर हुआ, लेकिन जिस तरह से खुलेआम गोली चलाई गई और हमलावरों द्वारा इसे “पहलगाम आतंकी हमले का बदला” बताते हुए जारी वीडियो में यह कहना कि – “दो कटुए मार दिए हैं, 26 का बदला 2600 से लेंगे” – यह न सिर्फ नृशंस अपराध है, बल्कि यह एक घातक सोच का प्रतीक है — जहाँ अपराध धर्म के नाम पर जायज़ ठहराने की कोशिश की जा रही है।
इस हमले में गुलफाम की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि सैफ की हालत गंभीर बनी हुई है।
मैं गुलफाम के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ और सैफ के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।
शोकसंतप्त परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति मिले — यही प्रार्थना है।दुःख की इस घड़ी में आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) पीड़ित परिवार के साथ हैं।
यह केवल एक आपराधिक वारदात नहीं, बल्कि प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था और समाज को बाँटने की खतरनाक मानसिकता पर गहरा सवाल है। जहाँ खुलेआम धार्मिक नफरत फैलाकर लोगों की जान ली जा रही है, वहाँ शासन की चुप्पी और भी खतरनाक है।
चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा है कि, हमलावरों को आतंकी मानसिकता के तहत कठोरतम धाराओं में गिरफ़्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए।
पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवज़ा और सुरक्षा दी जाए. प्रदेश में बढ़ते साम्प्रदायिक अपराधों पर सरकार सार्वजनिक रूप से जवाबदेह बने और ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित करे।
यह नफरत का नहीं, संविधान का देश है — और संविधान हर नागरिक की बराबरी, गरिमा और सुरक्षा की गारंटी देता है।