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मात्र 17 साल की उम्र में भारतीय सेना का हिस्सा बन गई थी कर्नल सोफिया कुरैशी, 6 साल तक किया UN शांति सेना में काम

भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर बीती रात किए गए के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बारे में जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी की पूरे देश में जमकर चर्चा हो रही है।

कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofiya Qureshi) की इसलिए भी चर्चा हो रही है क्योंकि वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय मुस्लिम महिला है और उनका पूरा करियर महिलाओं के लिए मिसाल कायम करने वाला रहा है।

आपको बता दें कि, गुजरात की रहने वाली सोफिया मात्र 17 वर्ष की उम्र में ही भारतीय सेना में शामिल हो गई थी, वर्ष 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से कमीशन प्राप्त करने के बाद, उन्होंने देश के अलग अलग क्षेत्रों में सेवा की, जिसमें उग्रवाद-रोधी अभियान भी शामिल हैं।

2006 में सोफिया कुरैशी ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भाग लेकर युद्धविराम निगरानी और मानवीय सहायता में अहम भूमिका निभाई।

सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली सोफिया कुरैशी के दादा और पिता दोनों ने भारतीय सेना में अपनी सेवाएँ दीं। उन्होंने बायोकैमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है और सेना के मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में तैनात मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से शादी की है।

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