शामली में हुई मुस्लिम युवक की हत्या के मामले को सोशल मीडिया पर उठाने के कारण पत्रकार वसीम अकरम त्यागी और ज़ाकिर अली त्यागी समेत पांच मुस्लिम नौजवानों और यूट्यूब चैनल हिंदुस्तानी मीडिया के खिलाफ़ दर्ज़ हुई FIR का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं।
विपक्षी नेताओं और तमाम पत्रकार संगठनों के विरोध के बाद अब एशिया प्रोग्राम ऑफ द कमेटी तो प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (CPJ Asia) ने भी इन पत्रकारों के समर्थन में बयान ज़ारी किया हैं।
CPJ एशिया द्वारा ज़ारी बयान के मुताबिक़, पत्रकारों की सुरक्षा के लिए गठित समिति ने बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस से इस दावे की जांच बंद करने को कहा है जिसमें स्वतंत्र पत्रकार जाकिर अली त्यागी और वसीम अकरम त्यागी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर “दुर्भावनापूर्ण” पोस्ट के माध्यम से धार्मिक दुश्मनी भड़काई, जिसमें आरोप लगाया गया कि शामली जिले के एक मुस्लिम निवासी की 4 जुलाई को “भीड़ द्वारा हत्या ” कर दी गई थी।
सीपीजे इंडिया के प्रतिनिधि कुणाल मजूमदार ने कहा, “संभावित पुलिस कदाचार और सांप्रदायिक तनाव को उजागर करने के लिए पत्रकार जाकिर अली त्यागी और वसीम अकरम त्यागी के खिलाफ आपराधिक जांच कानूनी व्यवस्था का खतरनाक दुरुपयोग है।
अधिकारियों को यह जांच बंद कर देनी चाहिए और इन पत्रकारों द्वारा उठाए गए मुद्दों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि उन्हें उनके काम के लिए दंडित करना चाहिए।