Journo Mirror
भारत

मुस्लिम बहुल लोकसभा सीट से सांसद होने के बावजूद अधीर रंजन चौधरी ने नहीं किया मुसलमानों के लिए कोई बड़ा काम

ममता बनर्जी ने ये तय कर लिया है कि वो अधीर रंजन चौधरी को राजनीतिक तौर पर समाप्त कर के ही दम लेंगी। इसके लिए अब चाहे उन्हें इंडिया गठबंधन की भी बलि क्यों न देनी पड़े।

एक बात याद रखियेगा कि इस मामले में दोनों लोग ही साफ सुथरे नहीं हैं। जहां ममता बनर्जी राजनीतिक गुंडागर्दी के मामले में भाजपा से भी चार कदम आगे हैं वहीं अधीर रंजन चौधरी भी इस मामले में चौधरी ही है।

अधीर रंजन को तो अपनी ही पार्टी कांग्रेस का राजनीतिक नुकसान करवाने के मामले में ओलंपिक का गोल्ड मेडल मिलना चाहिए। यह व्यक्ति देखने में जितना शरीफ लगता है हकीकत में यह उतना ही बड़ा कपटी इंसान है।

एक मुस्लिम बहुल लोकसभा सीट बहरामपुर (52% मुस्लिम मतदाता) से लगातार जीतने के बावजूद भी मुसलमानों के लिए अगर काम गिनवाने की बात की जाए तो इस व्यक्ति के पास दो काम भी नहीं होंगे। इससे भी चार कदम आगे उनकी बीवी हैं जिन्होंने मुसलमान से नफरत के मामले में सबको पीछे छोड़ रखा है।

इनके परिवार पर अक्सर इस बात का आरोप लगता है कि अपने एरिया में मुसलमानों को घर नहीं लेने देते हैं और सरकारी नियुक्ति में भी दखल देते हैं।

हर सांसद को केंद्रीय विद्यालयों में 10 विद्यार्थियों को को अपने एरिया से भेजने का अख्तियार होता है मगर इन महोदय ने पिछले कई सालों से मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्र से मुसलमानों के वोटों की वजह से जीतने के बावजूद भी किसी मुस्लिम बच्चे को KVK के लिए रिकमेंड नहीं किया है।

अब यह बात समझ से बाहर है कि आखिर ऐसे सेल्फ गोल करने वाले व्यक्ति को कांग्रेस लोकसभा में LOP कैसे बना सकती है। जिस व्यक्ति ने अपनी राजनीतिक नासमझी और बेवकूफी के चक्कर में अपनी पार्टी कांग्रेस, इंडिया गठबंधन और मुसलमानों का बेइंतहा नुकसान किया हो उस व्यक्ति के लिए मेरी नजर में जरा सी भी राजनीतिक हमदर्दी नहीं है।

ममता बनर्जी ने राजनीतिक तौर पर बड़ा दावा खेलते हुए मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी यूसुफ पठान को बहरामपुर सीट से अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ उतार दिया है। अब यहाँ का चुनाव रोचक हो चुका है।

वैसे एक बात और बता दूँ कि ये महोदय जो अपने इस लोकसभा का रौब राजनीती में दिखाते है इनकी लोकसभा बहरामपुर के अंतर्गत आने वाली सात विधानसभा सीटों में 6 पर TMC और इनके गढ़ बहरामपुर विधानसभा सीट पर भाजपा जीती है।

तो कुल मिला कर बात ये है कि ये बंदा जो ज्यादा हवाबाज़ी कर रहा था और लगातार CM ममता बनर्जी पर हमलावर था, इस बार इनकी हवाबाज़ी ख़त्म होने का पूरा राजनीतिक बंदोबस्त हो चुका है। बाकि नतीजे तो आगामी दिनों में ही पता चलेंगे।

(यह लेखक के अपने विचार हैं, लेखक अंसार इमरान रिसर्चर है)

Related posts

Leave a Comment