इसराइल और फिलिस्तीन के बीच ज़ारी युद्ध को लेकर सऊदी अरब के रियाद में इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) और अरब लीग का ऐतिहासिक सम्मेलन हुआ हैं।
इस सम्मेलन में 57 मुस्लिम देशों के शीर्ष नेता शामिल हुए थे. इस बैठक में इसराइल के ख़िलाफ़ कई प्रस्ताव और सख़्त क़दम उठाने के सुझाव आए लेकिन इसराइल के ख़िलाफ़ कोई भी कठोर क़दम उठाने पर सहमति नहीं बन पाई।
इस सम्मेलन में सीरिया और ईरान ने कई अहम मशवरे दिए थे लेकिन आम सहमति नहीं बनने के कारण कोई हल नहीं निकल सका।
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने इस सम्मलेन में सभी देशों को इसराइल से राजनयिक संबंध तोड़ने का प्रस्ताव दिया था. इसके अलावा ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने सभी सदस्य देशों से इसराइल की सेना को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित करने का प्रस्ताव दिया था।
उन्होंने आगे कहा, इजराइल का विरोध करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है, गाजा के ख़िलाफ़ हो रही अंधाधुंध बमबारी रुकनी चाहिए और गाजा की घेराबंदी तुरंत समाप्त होनी चाहिए।
इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि, इसराइल ने जो किया है उसे इसका अंजाम भुगतना होगा।