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इंदौर: मस्जिद पर लगा इमाम अली से जुड़ा पोस्टर, हिंदुत्ववादियों ने फैलाई फेक न्यूज, बोले- यह गजवा ए हिंद का पोस्टर है

मध्य के इंदौर में स्थित एक मस्जिद के बाहर कर्बला एवं इमाम अली जुड़ा पोस्टर लगाने को लेकर बवाल मचा हुआ है. हिंदुत्ववादियों द्वारा इस पोस्टर को झूठे दावे के साथ वायरल करके फेंक न्यूज़ फैलाई जा रहीं है।

हिंदुत्ववादी पोर्टल एवं सोशल मीडिया एकाउंट द्वारा पोस्टर को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि यह गजवा हिंद का पोस्टर है।

पाञ्चजन्य के मुताबिक़, मस्जिद पर लगा “गजवा-ए-हिंद” का पोस्टर. भारत पर इस्‍लामी सत्‍ता का ख्‍वाब, ‘गजवा-ए-हिंद’ का पोस्टर इंदौर में लगाया. इंदौर के कागदीपुरा क्षेत्र में एक मस्जिद पर लगा गजवा-ए-हिंद का पोस्टर लगाया गया।

मध्‍य प्रदेश की आर्थ‍िक राजधानी इंदौर को पूरी तरह से इस्‍लाम में तब्‍दील कर देने का ख्‍वाब रखने वालों के मंसूबे सामने आए हैं।

इसके अलावा मिस्टर सिन्हा नाम के एक एक्स एकाउंट ने भी घटना का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा कि, इंदौर में एक मस्जिद पर “गजवा-ए-हिंद” के पोस्टर लगाए गए. पुलिस मामले की जांच कर रही है. गजवा-ए-हिंद का सपना हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करके पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में इस्लामी शासन स्थापित करना है।

धीरे-धीरे उन्होंने अपने सपने को खुलकर व्यक्त करना शुरू कर दिया है, लेकिन फिर भी कुछ हिंदू इसे स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि वे धर्मनिरपेक्षता के कारण अंधे हो गए हैं।

इस पोस्टर की जब सच्चाई जानने की कोशिश की तो पता चला कि, यह तस्वीर 7वीं सदी में कर्बला की लड़ाई का वर्णन दिखाती है, जहाँ पैगंबर मुहम्मद के पोते की हत्या की गई थी. साथ ही इमाम हुसैन की दरगाह की संरचना भी है, जो शिया मुसलमानों के लिए एक पवित्र स्थान है. भारत में दक्षिणपंथी हर चीज़ को सांप्रदायिक बनाना चाहते हैं।

इस बीच, अरबी में लिखा गया पाठ पैगंबर द्वारा इमाम अली का जिक्र करते हुए एक प्रसिद्ध इस्लामी उद्धरण है “मन कुन्तो मौला, फहाजा अलीउन मौला” (मैं जिसका मौला, अली भी उसका मौला)

इस उद्धरण का इस्तेमाल कई बॉलीवुड गानों में किया गया है और नुसरत फतेह अली खान ने कव्वाली में गाया है।

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