मध्य प्रदेश के इंदौर में बीती 1 नवंबर को मामूली बात को लेकर तो पक्षों में जमकर बवाल हुआ, जिसके बाद मामले को सांप्रदायिक रंग देकर दंगाइयों ने पथराव और आगजनी की।
छत्रीपुरा थाना इलाका में एक 9 साल की बच्ची पटाखे फोड़ रही थी. जिसको दूसरे धर्म के लोगों ने उनके घर के सामने पटाखें फोड़ने से मना कर दिया. इसी बात को लेकर शुरू हुई कहासुनी एक बड़े विवाद में बदल गई।
यह विवाद धीरे-धीरे पथराव और आगजनी में तब्दील हो गया. देखते ही देखते पूरे इलाके में तनाव फैल गया. न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रदर्शनकारियों ने करीब एक दर्जन गाड़ियों पर पत्थर फेंककर उसके कांच फोड़ दिए. जबकि, 4 से 5 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
इस घटना को लेकर एक मुस्लिम पड़ोसी ने आरोप लगाया कि उन्होंने (हमलावरों ने) उसके घर में दो बार आग लगाने की कोशिश की।
रशोदा बी ने कहा, “वे मेरे घर पर पटाखे फेंक रहे थे। जब हमने इसका विरोध किया, तो 50 लोगों के झुंड ने तलवारों और लाठियों से हमला कर दिया, जिसमें चार महिलाएं और एक युवक घायल हो गए।”
जबकि हमलावरों ने दावा किया कि एक नाबालिग लड़की पटाखे जला रही थी, तभी पड़ोसियों ने उसे चिल्लाकर भगा दिया, जिसके कारण झड़प हुई।
इंदौर के डीसीपी ऋषिकेश मीना ने कहा कि दो एफआईआर दर्ज की गई हैं और शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।