कथित हेट स्पीच मामले में उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान की विधानसभा सदस्यता रद्द होने पर जयंत चौधरी ने विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखकर सवाल खड़े किए।
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा स्पीकर सतीश महाना को लिखे पत्र में कहा कि, अगर सज़ा के बाद आजम खान विधानसभा सदस्यता खत्म हो सकती है तो मुजफ्फरनगर दंगे में दोषी पाए गए बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की क्यों नहीं?
उन्होंने कहा कि, स्पीकर ने जितनी तत्परता आजम खान के मामले में दिखाई, उतनी ही तत्परता खतौली से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी के मामले में क्यों नहीं दिखाई गई. जबकि विक्रम सैनी को 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े मामले में दो साल की सजा सुनाई जा चुकी है. क्या जनप्रतिनिधि कानून की व्याख्या आज़म ख़ान और विक्रम सैनी के लिए अलग-अलग है?
जयंत चौधरी ने पत्र के माध्यम से स्पीकर से जल्द से जल्द विक्रम सैनी के खिलाफ़ भी एक्शन लेने की मांग की।
जयंत चौधरी के अनुसार, खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी को 11 अक्टूबर को 2 साल की सजा सुनाई गई थी, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत दो या दो से अधिक वर्षों के कारावास की सज़ा के दोषी ठहराए जाने पर विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
राष्ट्रीय लोकदल के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से भी सतीश महाना से सवाल करते हुए लिखा गया कि, क्या सत्ताधारी दल और विपक्ष के विधायक के लिए कानून की व्याख्या अलग-अलग हैं, सतीश महाना जी बताइए विक्रम सैनी की विधानसभा सीट कब रिक्त की जाएगी?