Journo Mirror
India

राजनीतिक बंदियों की रिहाई के लिए JNU के छात्रों ने निकाला ‘फ़्रीडम मार्च’, उमर खालिद के पिता भी हुए शामिल

राजनीतिक बंदियों की रिहाई के लिए JNU के छात्रों ने निकाला ‘फ़्रीडम मार्च’, उमर खालिद के पिता भी हुए शामिल

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (JNUSU) ने शनिवार को गंगा ढाबा से सबरमती ढाबा तक “फ़्रीडम मार्च” निकाला। इस मार्च का उद्देश्य उमर खालिद, शरजील इमाम, मोहम्मद सलीम ख़ान, शिफ़ा-उर-रहमान, अतर ख़ान, मीरान हैदर, शादाब अहमद, अब्दुल खालिद सैफ़ी, गुलफ़िशा फ़ातिमा, ताहिर हुसैन, तसलीम अहमद और सलीम मुन्ना जैसे राजनीतिक बंदियों की रिहाई की माँग करना था।

मार्च के बाद आयोजित जनसभा में कैद कार्यकर्ताओं और छात्र नेताओं के परिजनों ने अपने दर्द, हिम्मत और न्याय की लड़ाई को साझा किया। इस मौके पर उमर खालिद के पिता एसक्यूआर इलियास, खालिद सैफ़ी की पत्नी नार्गिस सैफ़ी, अतर के चाचा मोहम्मद नजीमुद्दीन, सलीम मुन्ना के बेटे मोहम्मद नसीम, ताहिर हुसैन के बेटे शारिक, शादाब अहमद के पिता शमशाद अहमद, सलीम ख़ान की बेटी साइमा, गुलफ़िशा फ़ातिमा के पिता तसनीफ़ हुसैन और छात्र कार्यकर्ता अफ़रीन फ़ातिमा मौजूद रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत JNUSU अध्यक्ष नितीश कुमार ने की। उन्होंने कार्यकर्ताओं की “ग़ैर-न्यायपूर्ण कैद” की निंदा करते हुए छात्रसंघ की ओर से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

महासचिव मुंतेहा फ़ातिमा ने कहा कि असहमति की आवाज़ों को व्यवस्थित तरीके से अपराधी ठहराया जा रहा है, ख़ासकर तब जब वे मुसलमानों की तरफ़ से उठाई जाती हैं।

उपाध्यक्ष मनीषा ने भी dissent को दबाने की निंदा की और कहा कि छात्रसंघ शांतिपूर्ण जन आंदोलन और कानूनी लड़ाई को और तेज करेगा।

परिजनों और वक्ताओं ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ़ व्यक्तिगत नहीं बल्कि संविधान, धर्मनिरपेक्षता और असहमति के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई है। उन्होंने देशभर के लोकतांत्रिक संगठनों और नागरिकों से राजनीतिक बंदियों की रिहाई, तेज़ और पारदर्शी मुक़दमों और दमनकारी क़ानूनों की वापसी की माँग को और बुलंद करने की अपील की।

जनसभा का समापन गूंजते नारों के साथ हुआ—
“सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करो!”, “यूएपीए वापस लो!”, “मुसलमानों को अपराधी ठहराना बंद करो!”, “इंक़लाब ज़िंदाबाद!”

JNUSU ने साफ किया कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सभी राजनीतिक बंदियों को आज़ादी और न्याय नहीं मिल जाता।

Related posts

Leave a Comment