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कोटा: मीट व्यापारियों के लाइसेंस मामले में हाईकोर्ट हुआ सख्त, संबंधित विभागों से चार हफ्ते में मांगा लिखित जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटा के मीट व्यापारियों को लाइसेंस जारी नहीं करने के मामले में सख्ती दिखाते हुए संबंधित विभागों को चार सप्ताह में लिखित जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

यह आदेश कोटा के दस मीट व्यापारियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अनूप ढंढ ने दिया। याचिकाकर्ताओं की पैरवी एडवोकेट अंसार इंदौरी और अजीत कसवा ने की।

याचिका में कहा गया कि व्यापारियों ने नियमानुसार विभागों में लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे मीट व्यापारी अपना व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं।

गौरतलब है कि करीब तीन महीने पहले कोटा नगर निगम ने अचानक नोटिस जारी कर उचित लाइसेंस नहीं होने पर मीट दुकानों को बंद करने का आदेश दिया था और कई दुकानों को सील कर दिया था। इस कदम से प्रभावित लगभग 25 व्यापारियों ने पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उस समय हाईकोर्ट ने कठोर कार्रवाई रोकने और लाइसेंस जारी करने के आदेश दिए थे।

हालांकि, आदेश की पालना में विभागों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ऐसे में दस व्यापारियों ने पुनः रिट दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विभागों से चार हफ्ते में लिखित जवाब मांगा और साथ ही याचिकाकर्ताओं को यह स्वतंत्रता भी दी कि यदि आदेशों की अवहेलना होती है तो वे अवमानना याचिका दायर कर सकते हैं।

एडवोकेट अजीत कसवा और अंसार इंदौरी ने सुनवाई में मीट व्यापारियों के संवैधानिक अधिकारों और व्यापार की स्वतंत्रता का जोरदार पक्ष रखते हुए दलील दी कि बिना कारण लाइसेंस रोका जाना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह आदेश व्यापार की स्वतंत्रता और व्यावसायिक अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला है।

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