13 अगस्त 1980 (ईद का दिन) सुबह-सुबह मुरादाबाद के लोग ईद की नमाज़ पढ़ने के लिए ईदगाह जाने की तैयारी कर रहे थे। बच्चे खुशी से झूम रहे थे।
नए-नए कपड़े पहनकर सभी अपने बच्चो के साथ बगल में जानमाज़ दबाकर ईदगाह की तरफ बढ़ने लगें। किसी को क्या पता था कि आज उनकी यह नमाज़ आख़िरी नमाज़ होगी।
मस्जिद में काफ़ी चहल-पहल थी नमाज़ी अपनी जगह पर बैठकर नमाज़ के वक्त का इंतज़ार कर रहे थे तभी अचानक ईदगाह में शोर मच गया कि किसी ने नमाज़ियों के बीच सूअर छोड़ दिया है।
सूअर नापाक जानवर होता है जिसको देखकर मुसलमानों को गुस्सा आ गया तथा सुरक्षा में लगें पुलिस अफसरों से सवाल किया कि यह कैसे आया लेकिन उनके पास कोई जवाब नही था।
पुलिस अफसरों का गैर-जिम्मेदार रवैया देखकर मुसलमानों में गुस्सा बढ़ गया। जिसके बाद मुसलमानों की पुलिस अफसरों से बहस एवं झड़प हो गयी।
जिसके बाद पीएसी के जवानों ने तुरंत ईदगाह घेरकर मुसलमानों पर गोलियों की बौछार कर दी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुक पीएसी की गोलीबारी में 300 के करीब मुसलमानों की मौत हो गयी।
इस कांड के बाद मुरादाबाद में सांप्रदायिक दंगों की आग भड़क गई तथा जगह-जगह कत्ले-आम होने लगें।
सोशल एक्टीविस्ट है शाहनवाज अंसारी के अनुसार “आज ही के दिन 13 अगस्त 1980 को मुरादाबाद ईदगाह में नमाज़ के लिए इकट्ठे हुए मुसलमानों के बीच सुअर छोड़ दिया गया था। जिसके बाद झड़प हुई और फिर ईदगाह को पीएसी ने घेरकर 400 से ज़्यादा मुसलमानों को मौत के घाट उतार दिया था। स्टेट/केंद्र दोनों में कांग्रेस की सरकार थी।
आज ही के दिन 13 अगस्त 1980 को मुरादाबाद ईदगाह में नमाज़ के लिए इकट्ठे हुए मुसलमानों के बीच सुअर छोड़ दिया गया था। जिसके बाद झड़प हुई और फिर ईदगाह को पीएसी ने घेरकर 400 से ज़्यादा मुसलमानों को मौत के घाट उतार दिया था।
स्टेट/केंद्र दोनों में कांग्रेस की सरकार थी।#MoradabadMassacre— Shahnawaz Ansari (@shanu_sab) August 13, 2021
अब्दुल हन्नान का कहना है कि “मुरादाबाद नरसंहार के 41 साल,
13 अगस्त 1980, ईद का वो दिन जब हजारों मुसलमान ईद की नमाज अदा करने ईदगाह में इकठ्ठा हुए थे और पीएसी के जवानों ने जलियांवाला बाग दोहराया था जिसमें देखते ही देखते सैकड़ों मुसलमान शहीद हो गए थे। तब केंद्र और राज्य दोनों मे सेक्युलर कांग्रेस की सरकार थी।
मुरादाबाद नरसंहार के 41 साल,
13 अगस्त 1980 की ईद का वो दिन जब हजारों मुसलमान ईद की नमाज अदा करने ईदगाह में इकठ्ठा हुए थे और पीएसी के जवानों ने जलियांवाला बाग दोहराया था जिसमें देखते ही देखते सैकड़ों मुसलमान शहीद हो गए थे। तब केंद्र और राज्य दोनों मे सेक्युलर कांग्रेस की सरकार थी। pic.twitter.com/SNS3Ksll0G— Abdul Hannan (@001Hannan) August 13, 2021