मणिपुर से शुरू होने वाली राहुल गांधी की “भारत जोड़ों न्याय यात्रा” में बीएसपी से निष्कासित सांसद कुंवर दानिश अली ने शामिल होने का फ़ैसला लिया हैं।
दानिश अली ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट के ज़रिए जानकारी शेयर करते हुए लिखा हैं कि आज मैंने श्री राहुल गांधी जी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने का फ़ैसला किया है।
ये फ़ैसला मेरे लिये एक बहुत ही अहम फ़ैसला है और इसे मैंने बहुत सोच समझ कर लिया है। ये फ़ैसला लेते समय मेरे सामने दो रास्ते थे। एक की मैं स्टेटसको को चलने दूँ, जो स्थिथियाँ देश में हैं उन्हें वैसे ही स्वीकार लूँ , जो अन्याय देश के दलित, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यक और अन्य गरीब वर्ग के साथ हो रहा है, उसके ख़िलाफ़ कोई आवाज़ ना उठाऊँ।
और दूसरा रास्ता ये था की मैं समाज में बढ़ते अन्याय के ख़िलाफ़ संसद में आवाज़ उठाने के साथ साथ सड़क पर भी संघर्ष छेड़ूँ, आंदोलन करूँ।
मेरे ज़मीर ने कहा कि मुझे दूसरा रास्ता लेना चाहिए। ये फ़ैसला लेने का एक बड़ा कारण यह भी है कि मैं ख़ुद इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था का भुगतभोगी हूँ। संसद के अंदर मुझ पर जो आक्रमण हुआ वो सब ने देखा। सत्ताधारी दल ने मुझ पर आक्रमण करने वाले के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं की। बल्कि उसे पुरस्कृत किया। यही हाल पूरे देश का है।
भय और आतंक का माहौल बनाने की कोशिश हो रही है। जब मुझ पर संसद में आक्रमण हुआ , तब मुझे और मेरे परिवार को हौसला देने वाले राहुल गांधी जी देश के पहले नेता थे। वो उस घड़ी में मेरे साथ खड़े रहे।
राहुल गांधी जी की ये यात्रा कमज़ोर को न्याय दिलाने की और भारतवासियों को जोड़ने की यात्रा है। ये यात्रा देश की विभाजनकारी ताक़तों के ख़िलाफ़ संघर्ष है। राहुल जी ने पूरे देश को जोड़ने के लिए और हर वर्ग को न्याय दिलाने के लिए यह यात्रा शुरू की है।
इस लिये मैं आज राहुल जी के साथ खड़ा हूँ। मेरा मानना है कि इस यात्रा का जो उद्देश्य है, उसकी पूर्ति करना हम सभी लोगों का, जो की राजनीति और समाज सेवा के काम से जुड़े हुए हैं, असली उद्देश्य है। मैं इस यात्रा की सफलता की कामना करता हूँ।