हरियाणा के मेवात में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद पुलिस ने बड़े पैमाने पर कार्यवाही करते हुए कई लोगों को गिरफ़्तार किया हैं, जिसके बाद से कई गंभीर सवाल खड़े हो रहें हैं तथा पुलिस पर संगीन आरोप भी लगाए जा रहें हैं।
नूंह के सिंगार गांव में पुलिस ने 2 अगस्त की रात को कई घरों पर छापेमारी के दौरान एक बुजुर्ग जब्बार खान की भी उठाया था जिसके बाद उनकी मौत हो गई थीं।
मृतक के परिजनों का आरोप हैं कि, जब्बार ख़ान की मौत पुलिस की पिटाई की वजह से हुई है. हालांकि पुलिस ने इन आरोपों से इंकार कर दिया हैं।
परिजनों का कहना हैं कि, पुलिस ने जब्बार के भाई दीन मोहम्मद को भी हिरासत में लिया था. जब्बार के बेटे शाहिद का दावा है कि दीन मोहम्मद को पुलिस ने इस शर्त पर छोड़ दिया कि वे लोग मौत के मामले में कार्रवाई की मांग न करें।
इस मामले पर बिछौर थाना के एसएचओ मलखान सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि 2 अगस्त को हुई छापेमारी में करीब 16 लोगों को हिरासत में लिया गया था. जब्बार खान की मौत ‘सदमे’ से हुई न कि पुलिस की पिटाई से।