ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन (OIC) ने एक बार फ़िर जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाकर यूनाइटेड नेशन द्वारा पारित प्रस्ताव की याद दिलाई है।
ओआईसी द्वारा ज़ारी बयान में कहा गया है कि, 5 जनवरी 1949 को भारत और पाकिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र आयोग (यूएनसीआईपी) ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जनमत संग्रह की गारंटी दी गई ताकि कश्मीरी लोग अपने आत्मनिर्णय के अधिकार का एहसास कर सकें।
आज संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को अपनाए जाने की 76वीं वर्षगांठ है, ओआईसी महासचिवालय जम्मू और कश्मीर विवाद की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के महत्व की पुष्टि करता है।
यह कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अविभाज्य अधिकार तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप जम्मू-कश्मीर विवाद के अंतिम समाधान के प्रति ओआईसी के समर्थन की भी पुष्टि करता है।
यह पुनः अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से उन प्रस्तावों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का आह्वान करता है।