पिछले महीने एक खबर आप लोगों ने पढ़ी होगी कि अस्पताल में 3 घंटे तक ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाने के कारण जॉर्डन में 6 लोगों को मौत हो गयी थी। जिसके बाद वहां के स्वास्थ्य मंत्री ने इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने ये इस्तीफा इसीलिए नहीं दिया था कि उनके ऊपर कोई राजनैतिक दबाव था बल्कि मानवता की मूल्यों के आधार पर उन्होंने उन मौतों की ज़िम्मेदारी ली और खुद को सज़ा देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
क्या अपने देश के किसी भी नेता से ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि वे अपने ऊपर ज़िम्मेदारी लें और खुद ही ये कहे कि ये मेरी लापरवाही के कारण हुआ है।
हमारे देश के किसी भी नेता से ये उम्मीद करना तो दूर की बात है इसकी कल्पना भी नहीं कि जा सकती है।
हाँ मगर हमारे देश में भी एक ऐसा व्यक्ति है जिसने न सिर्फ इंसानियत दिखाई है बल्कि मानवता के मूल्यों की रक्षा की है। वो कोई नेता नहीं हैं बल्कि एक अभिनेता हैं।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं सोनू सूद की।
सोनू सूद पिछले एक सालों से लाखों लोगों की मदद कर चुके हैं। और रोज़ सैंकड़ों लोगों की मदद कर रहे हैं। आज सोनू सूद के साथ एक ऐसी घटना हुई जिसने उन्हें भावुक कर दिया।
दरअसल सोनू सूद एक ज़रूरतमंद के लिए अस्पताल में एक ICU बेड तलाश कर रहे थे। काफी मशक्कत के बाद भी जब वे नहीं ढूंढ पाए तब उन्होंने ट्वीट कर दुख ज़ाहिर करते हुए लिखा कि “मैं एक ICU बेड ढूंढने में असफल रहा। मैं बहुत असहाय महसूस कर रहा हूँ। काश कि मेरे पास कोई जादू होता और सबकुछ ठीक हो जाता। मैं ये दुआ करते हुए आज सो रहा हूँ कि शायद मैं कल उसकी मदद कर पाऊँ। आप भी दुआ कीजिये।”
When I fail to get an ICU bed for someone who needs it the most & want to save a loved one, I feel so helpless. Wish I had a magic wand & every thing could fall right but the reality is I will sleep with a prayer to give me time till tomorrow. I will make it happen.Just pray 🙏 pic.twitter.com/PuscrebCzm
— sonu sood (@SonuSood) May 6, 2021
जो काम हमारी सरकारों को करनी चाहिए वो काम सोनू सूद कर रहे हैं। सवाल ये नहीं है कि अस्पतालों में बेड क्यों नहीं है, ऑक्सीजन क्यों नहीं है, दवाई क्यों नहीं है। सवाल ये है कि लोगों की मदद करने के लिए सोनू सूद जो तत्परता दिखा रहे हैं वो हमारे द्वारा चुने हुए नेता क्यों नहीं दिखा रहे?
ऐसे में हमें अपने आपसे भी ये सवाल करने की ज़रूरत है कि आखिर हम ऐसे संवेदनहीन नेताओं को चुनते ही क्यों हैं?
एक तरफ लोग दवा, बेड और ऑक्सीजन की कमी के कारण मर रहे हैं वहीं सरकार को इस बात की चिंता है कि बंगाल की सरकार कैसे गिराई जाए, असम में किसे मुख्यमंत्री बनाया जाए!
काश की सोनू सूद जितनी संवेदनशीलता हमारी सरकारों के अंदर आजाये तो शायद किसी भी मरीज़ को बेड और ऑक्सीजन के लिए ट्वीट करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।