मीडिया को जारी एक बयान में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा, “हम इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच हाल ही में बड़े पैमाने पर भड़की शत्रुता से बहुत चिंतित हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि हिंसा की वर्तमान स्थिति फिलिस्तीनियों के खिलाफ अति-दक्षिणपंथी नेतन्याहू सरकार द्वारा फैलाई गई इजरायली आक्रामकता का परिणाम है, जिसने बच्चों सहित अब तक सैकड़ों लोगों की जान ले ली है। क़ब्ज़ा करने और बस्तियां बसाने की इजरायली नीतियां और अक्सा मस्जिद का उत्तेजक अपमान इस क्षेत्र को शांति और स्थिरता के किसी भी गंभीर प्रयास से वंचित कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वे तुरंत कार्रवाई करें। तनाव को सामान्य किया जाना चाहिए और यहूदी बस्तियों के विस्तार को तुरंत रोका जाना चाहिए। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी आह्वान करते हैं कि वह इजरायल को गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ असंगत युद्ध शुरू करने के बहाने के रूप में इन घटनाओं का उपयोग करने से रोके।
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद गांधीजी की प्रसिद्ध उक्ति ‘फिलिस्तीन फिलिस्तीनियों का है, जैसे इंग्लैंड अंग्रेजों का है’ पर विश्वास करती है जो भारत की सदियों पुरानी नीति का आधार रही है। जमाअत चाहती है कि भारत सरकार फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करे, फ़िलिस्तीनियों को अपना राज्य स्थापित करने में मदद करे और क्षेत्र में शांति लाने के लिए अपने वैश्विक प्रभाव का उपयोग करे।