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असम: ईद के दौरान पुलिस ने 16 लोगों को किया गिरफ्तार

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की है कि 7 जून, 2025 को ईद-उल-अजहा के दौरान कथित अवैध मवेशी वध के लिए राज्य भर में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

असम के विभिन्न जिलों में 16 गिरफ्तारियां की गईं, जिनमें कामरूप मेट्रो, धुबरी, होजई, कछार और श्रीभूमि शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि श्रीभूमि में सात और कछार जिले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि त्यौहार के दौरान पांच अवैध मवेशी वध स्थलों का पता चला, जो सभी दक्षिणी असम की बराक घाटी में स्थित हैं। उन्होंने दावा किया कि गुवाहाटी के कॉटन विश्वविद्यालय के पास सहित कई स्थानों पर वध की गई गायों के संदिग्ध शरीर के अंग भी पाए गए।

ये गिरफ्तारियां असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के कथित उल्लंघन से उत्पन्न हुई हैं। अगस्त 2021 में हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पारित इस कड़े अधिनियम ने 1950 के मवेशी संरक्षण कानून की जगह ले ली है।

इस अधिनियम के अनुसार गायों और उनके बछड़ों का वध नहीं किया जा सकता। 14 वर्ष से अधिक आयु के मवेशियों को अन्यथा अधिकारियों की अनुमति से और सरकारी पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के बाद लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाने में वध करने की अनुमति है।

इस अधिनियम के अनुसार, मंदिर, सत्र (असमिया धार्मिक स्थल) या अन्य हिंदू धार्मिक संस्थानों के पांच किलोमीटर के दायरे में गोमांस की बिक्री अवैध है। यह उन इलाकों में भी अवैध है जहां हिंदू, जैन, सिख और अन्य गैर-गोमांस खाने वाले समुदाय ज़्यादा रहते हैं।

पिछले वर्ष दिसंबर में राज्य सरकार ने अतिरिक्त प्रतिबंधों की भी घोषणा की थी, जिसमें कहा गया था कि रेस्तरां, होटल, सार्वजनिक कार्यक्रमों और सामुदायिक उत्सवों सहित सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस का सेवन असम में प्रतिबंधित और अवैध है।

मकतूब मीडिया कि रिपोर्ट के मुताबिक़, राज्य में मुस्लिम विरोधी नीतियों को लागू करने के आरोपी हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है, लेकिन यह कानून और सार्वजनिक व्यवस्था के शासन को भी कायम रखता है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, ईद-उल-अजहा के दौरान विभिन्न स्थानों से अवैध रूप से मवेशियों का वध और मवेशियों के अंगों की बरामदगी की खबरें आईं।

पुलिस ने गुमराह, सिलचर और लखीपुर जैसे इलाकों से मिली शिकायतों पर कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि जांच जारी है और विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तारियां की गई हैं, जिनमें धर्म के आधार पर नफरत फैलाने और जानवरों को नुकसान पहुंचाने से संबंधित आपराधिक कृत्य शामिल हैं।

बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) समेत कई हिंदू संगठनों ने कथित तौर पर त्यौहार के दौरान कछार और श्रीभूमि में कथित अवैध गोहत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस को सूचित किया, जिसने फिर कार्रवाई की।

यह घटना असम मवेशी संरक्षण अधिनियम के वर्तमान प्रवर्तन तथा राज्य में, विशेष रूप से मुस्लिम त्योहारों के दौरान, मवेशियों के वध को नियंत्रित करने के सरकार के रुख को उजागर करती है।

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