जामिअत उलमा-ए-हिंद (JUH) ने असम में मुसलमानों के बड़े पैमाने पर विस्थापन और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के भड़काऊ बयानों को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
संगठन की कार्यकारिणी समिति ने बुधवार को आयोजित बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर असम के मुख्यमंत्री को तत्काल पद से हटाने और उनके खिलाफ़ हेट स्पीच क़ानून के तहत कार्रवाई की माँग की।
बैठक की अध्यक्षता जामिअत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने की, जिसमें देशभर से सदस्य और प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से जुड़े। जामिअत ने कहा कि हालिया बेदखली अभियानों से असम में 50 हज़ार से अधिक परिवार बेघर हो गए हैं, और अब तक हर विस्थापित परिवार मुस्लिम समुदाय से है।
संगठन ने सरमा के हालिया बयान “हम सिर्फ़ मियाँ मुसलमानों को हटा रहे हैं” को खुले तौर पर सांप्रदायिक पक्षपात का प्रमाण बताया और इसे अमानवीय, असंवैधानिक व भेदभावपूर्ण कार्रवाई करार दिया।
जामिअत की मुख्य माँगें
विस्थापित परिवारों का तत्काल पुनर्वास और वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया जाए।
किसी भी बेदखली से पहले निष्पक्ष सर्वेक्षण कराया जाए।
सरकारी अधिकारियों को भड़काऊ और सांप्रदायिक बयान देने से रोका जाए।