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ट्रेन में सीट को लेकर हुआ विवाद, हिंदू यात्री ने दिया सांप्रदायिक रंग, मुस्लिम सहयात्रियों को ‘संदिग्ध आतंकवादी’ बताकर कंट्रोल रूम में झूठा अलर्ट जारी किया

मध्य प्रदेश: रविवार को हीराकुंड एक्सप्रेस में सीट को लेकर हुए विवाद ने अचानक सांप्रदायिक तनाव का रूप ले लिया, जब एक यात्री ने तीन मुस्लिम सहयात्रियों को “संदिग्ध आतंकवादी” बताकर कंट्रोल रूम में झूठा अलर्ट जारी कर दिया। इसके चलते ट्रेन को दतिया रेलवे स्टेशन पर आपात स्थिति में रोकना पड़ा।

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), जीआरपी और स्थानीय पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर जनरल डिब्बे की तलाशी ली। चार यात्रियों—जिसमें शिकायतकर्ता रमेश पासवान और तीन मुस्लिम यात्री एच. बिलाल जिलानी, इशान खान और फैजान शामिल थे—को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।

रेलवे एसपी विपुल कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, पूरा विवाद जनरल कोच में बैठने की व्यवस्था को लेकर उत्पन्न हुआ था। बहस के दौरान रमेश पासवान ने कथित रूप से सांप्रदायिक आरोप लगाते हुए उन्हें आतंकवादी बताया और रेलवे अधिकारियों को गलत सूचना दी।

खोजी कुत्तों की मदद से ट्रेन की दो बार तलाशी ली गई—पहली बार दतिया और दूसरी बार झांसी रेलवे स्टेशन पर। सुरक्षा जांच के दौरान किसी भी तरह का विस्फोटक या संदिग्ध सामान नहीं मिला।

करीब 30 मिनट की कार्रवाई के बाद ट्रेन को विशाखापत्तनम के लिए रवाना कर दिया गया और पूछताछ पूरी होने पर चारों यात्रियों को रिहा कर दिया गया।

अधिकारियों का कहना है कि यह घटना बताती है कि कैसे सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और एक झूठी कॉल न केवल दहशत फैला सकती है, बल्कि सुरक्षा संसाधनों को भी व्यर्थ झोंक सकती है। इस मामले में फिलहाल किसी आपराधिक कार्रवाई की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन घटना ने यात्रियों और अधिकार कार्यकर्ताओं में चिंता बढ़ा दी है।

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