उत्तर प्रदेश में दलित और मुस्लिम समुदाय के लोगों पर आए दिन कट्टरपंथियों एवं उच्च जाति के लोगों द्वारा हमले किए जा रहें हैं, लेकिन सत्ता में बैठे लोग इन सभी मामलों पर मुंह में दही जमाए बैठे हैं।
एटा से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई हैं जहां उच्च जाति के लोगों ने एक मामूली बात पर दलित युवक के गुप्तांग काट दिए तथा गर्भवती महिला पर हमला किया।
पीड़ित सतेंद्र के मुताबिक़, 14 जून को ऊंची जाति के लोग मेरी जमीन पर एक पेड़ काट रहे थे, जब मैने पेड़ काटने से मना किया तो उन्होंने मुझे जातिसूचक गालियां दी. इसी दौरान विक्रम सिंह ठाकुर और भूरे ठाकुर ने मुझे पकड़ लिया और बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।
विक्रम ने चाकू निकाला और मेरे गुप्तांग को काटने की कोशिश की, जिससे मेरे गुप्तांग में कट लग गया. डॉक्टरों को घाव भरने के लिए 12 टांके लगाने पड़े थे।
पीड़ित का आरोप हैं कि, मेरी चीखे सुनकर मेरी चार महीने की गर्भवती पत्नी जैसे ही मुझे बचाने आई तो भूरे ने उस पर भी कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, जिससे उसकी बाईं कलाई में चोट लग गई।
आरोपियों ने हमारे घर में घुसकर भी मुझे और मेरी पत्नी को बेरहमी से पीटा. मैं रहम की भीख मांगता रहा लेकिन किसी ने रहम नहीं किया।
पीड़ित की पत्नी पूजा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, हमने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन हमारी शिकायत दर्ज नहीं की गई. हमको अपनी FIR दर्ज कराने के लिए एक वकील की मदद लेनी पड़ी. लेकिन अब आरोपियों के परिजन हमें शिकायत वापस लेने की धमकी दे रहे हैं।
पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली हैं तथा आरोपियों की तलाश की जा रही हैं. हालांकि पीड़ित के आरोप पर डीएसपी विक्रांत द्विवेदी का कहना हैं कि सतेंद्र के प्राइवेट पार्ट पर चाकू से वार करने का आरोप गलत हैं।