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दिल्ली दंगा: कोर्ट ने तीन मुस्लिम नौजवानों को बाइज़्ज़त बरी किया, जज बोले- आरोपपत्र पूर्व निर्धारित, बनावटी और गलत तरीके से दायर किए गए थे

दिल्ली दंगे के मामले में कोर्ट ने तीन मुस्लिम नौजवानों को बा इज़्ज़त बरी कर दिया हैं, कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद से दिल्ली पुलिस की कार्यवाही पर गंभीर सवाल खड़े हो रहें हैं।

बीते शुक्रवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगा (2020) के एक मामले अहम फैसला सुनाते हुए 3 आरोपियों को बरी कर दिया हैं, इसके अलावा कोर्ट ने पुलिस की जांच को भी संदेह के घेरे में रखा हैं।

एडिशनल जज पुलस्त्य प्रमाचला ने सख्त टिप्पणी करते हुए दिल्ली पुलिस को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए चार्जशीट को पूर्व निर्धारित तरीके से तैयार की गई बताया हैं।

कोर्ट ने अकील अहमद, रहीस खान और इरशाद को बरी कर दिया. इनके खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार के साथ दंगा), 149 (एक सामान्य उद्देश्य के साथ गैरकानूनी सभा), 120 बी (आपराधिक साजिश), 188 (जनता की अवज्ञा), 436 (आग से उत्पात) के तहत एफआईआर दर्ज़ की गई थीं।

कोर्ट ने शक ज़ाहिर करते हुए कहा कि, इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर (IO) ने रिपोर्ट की गई घटनाओं की ठीक से जांच किए बिना, सबूतों में हेरफेर किया है।

कोर्ट का कहना है कि रिपोर्ट की गई घटनाओं की ठीक से और पूरी तरह से जांच नहीं की गई थी एवं आरोपपत्र पूर्व निर्धारित, बनावटी और गलत तरीके से दायर किए गए थे।

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