मुस्लिम युवाओं की सरकारी नौकरियों में भागीदारी का क्या आलम है इसको जानने के लिए आपको हालिया समय में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा मेडिकल ऑफिसर आयुर्वेद के पदों के लिए गए एग्जाम में उत्तीर्ण मुस्लिम युवाओं से आसानी से समझ सकते हैं।
मेडिकल ऑफिसर (आयुर्वेद) के लिए कुल 601 उम्मीदवार सफल हुए हैं जिसमें केवल 20 मुस्लिम युवा ही सफल हुए है जो कुल सफल प्रत्याशियों का केवल 3% होता है। ये आंकड़ा उन लोगों के मूंह पर तमाचा है जिनको लगता है कि मुस्लिम समुदाय पिछड़ेपन का शिकार नहीं है।
मेडिकल अफसर आयुर्वेद एग्जाम में सफल मुस्लिम युवा:
UPPSC – MEDICAL OFFICER AYURVEDA | |||
Sr | Name | Rank | Catagory |
1 | MUHAMMAD ASAHAB | 18 | OBC |
2 | FARHA ANSARI | 28 | OBC |
3 | NAHIDA PERVEEN | 55 | GEN |
4 | SAFINA KHATOON | 75 | EWS |
5 | NOOR JAHAN | 82 | GEN |
6 | ROSI ANSARI | 88 | GEN |
7 | SHAHANA RIYAZ | 222 | GEN |
8 | SUMBUL ZARIN | 226 | GEN |
9 | NOOREEN FATIMA | 238 | GEN |
10 | GULNAZ FATMA | 293 | OBC |
11 | DANISH ABBASI | 315 | GEN |
12 | SHOAIB AHAMED | 349 | OBC |
13 | NADEEM PARVEZ | 374 | GEN |
14 | TARANNUM | 376 | OBC |
15 | ANSARI MOHD AZMAL | 399 | GEN |
16 | EKTEDAMUDDIN | 463 | EWS |
17 | FAIQE ALI | 480 | OBC |
18 | AFSHA BANO | 526 | OBC |
19 | AASHIF | 543 | OBC |
20 | WASEEM AHMAD | 546 | EWS |
मुस्लिम समाज इस कदर हाशिये पर पहुंच चुका है उसे मुख्यधारा में शामिल होने के लिए सरकारी सहयोग (आरक्षण) की बेहद जरूरत है। अब ये सहयोग चाहे OBC आरक्षण के रूप में प्राप्त हो या EWS कोटा। दोनों ही आरक्षण से मुस्लिम समुदाय को मुख्यधारा में शामिल होने में लाभ मिलेगा। हालिया समय में EWS आरक्षण मुस्लिम समाज के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रहा है।
इन सफल मुस्लिम युवाओं की लिस्ट को गहरायी से देखेंगे तो समझ आएगा कि सफल हुए 20 मुस्लिम युवाओं में सर्वाधिक 9 युवा जनरल श्रेणी के हैं। इसके साथ ही 3 युवा EWS कोटा से भी उत्तीर्ण हुए हैं। OBC श्रेणी से भी 8 मुस्लिम युवाओं ने सफलता हासिल की है। यहां ध्यान दीजियेगा कि जिस अंसारी समुदाय को अमूमन OBC का लाभार्थी बताया जाता है उसके 2 युवा जनरल श्रेणी में सफल हुए हैं।
अधिकतर मुस्लिम आबादी और आरक्षण
आज भी समाज में एक भ्रम की स्थिति बनाई जाती है कि देश के साथ उत्तर प्रदेश की अधिकतर मुस्लिम आबादी OBC श्रेणी में शामिल है और इनकी लगभग सारी आबादी OBC आरक्षण का लाभ उठाती है जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है। मुस्लिम समाज की अच्छी खासी आबादी जनरल श्रेणी में ही शामिल है जिसको अपने तमाम शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरी के एग्जाम जनरल श्रेणी में ही देने पड़ते है। साल 2019 के बाद से मुस्लिम युवाओं को EWS आरक्षण के रूप में एक संजीवनी मिली है जिसने मुस्लिम समुदाय के बच्चों को व्यापक रूप से फायदा पहुंचाया है।
अब आप फैसला करिये कि अत्यंत पिछड़ेपन के शिकार मुस्लिम समाज को EWS आरक्षण लाभ दे रहा है या नहीं।