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मध्य प्रदेश: पिछले तीन माह में इंदौर के खजराना मंदिर में 83 ग़रीब मुसलमानों का कराया गया धर्मांतरण

मध्य प्रदेश में तेज़ी से गरीब मुसलमानों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिसके बाद से लगातार लगातार इस मामले की जांच कराने की मांग की जा रही है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया है कि “विश्व हिंदू परिषद गरीब मुसलमानों को सरकारी सुविधाओं का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवा रहा है तथा फर्जी एससी / एसटी और ओबीसी के सर्टिफिकेट बांट रहें है।

उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मांतरण के बाद उन्हें मूल धर्मांतरण प्रमाण पत्र, शपथ पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, विवाह प्रमाण पत्र या आवश्यक हो तो तलाक़ के काग़ज़ात बनाने के बाद फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र बनाकर उपलब्ध करा देते हैं। और इस आधार पर रिजर्व कैटेगरी को मिलने वाली सरकारी योजनाओं को हड़प जाते है. इसमें डीएम ऑफिस के लोग शामिल हैं।

सीएम मोहन यादव सहित डीजीपी, एससी, एसटी, ओबीसी आयोग को शिकायत दर्ज कर VHP द्वारा संचालित किए जा रहे कथित धर्मांतरण उद्योग की जांच SIT से करवाने की मांग की।

उन्होंने आरोप लगाया है कि संविधान में धर्म परिवर्तन की निर्धारित प्रक्रिया के एक एक शब्द का हो रहा उल्लघंन. मुस्लिमों को धर्मांतरण से हिंदू बनाकर फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र जारी करके एससी, एसटी, ओबीसी जातियों का हक़ छीनने का षड्यंत्र कर रही VHP।

धर्म के नाम पर राजनीति का धंधा करने वालों ने अब धर्मांतरण को उघोग बना लिया हैं। “साझा संस्कृति मंच के अध्यक्ष सेम पावरी और विश्व हिंदू परिषद के संतोष शर्मा” द्वारा राजनैतिक फ़ायदे के साथ आर्थिक फ़ायदा भी लिया जा रहा हैं।

इसके एवज में मुस्लिमों से मोटी रकम वसूली जा रही है। कुछ ने ब्याज से पैसा उठा कर इन्हें चुकाया हैं. प्रधानमंत्री आवास से लेकर समस्त शासकीय योजनाओं के लाभ के लिए एससी,एसटी, ओबीसी जाति के फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर देने के अलग अलग रेट हैं।

इंदौर से भोपाल तक एक संगठित धर्मांतरण माफिया इसे संचालित कर रहा हैं। धर्मांतरण द्वारा मुस्लिम से हिंदू बनकर एससी, एसटी, ओबीसी जाति का प्रमाण पत्र बनाकर लाभ देना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता हैं और फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र बनाने पर दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान है।

उन्होंने मांग की है कि एसआईटी का गठन करके सभी व्यक्तियों के बयानों की विडियोग्राफ़ी कराकर जॉंच करायी जाये। इंदौर ज़िला कलेक्टर कार्यालय में जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले एंव जारी करने वाले कर्मचारियों तथा अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका की जॉंच होना चाहिए। पूर्व में धर्मांतरण करके मुस्लिम से हिंदू बने व्यक्तियों के दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाये तो बड़ा षड्यंत्र सामने आ सकता हैं।

पत्रकार काशिफ काकवी के मुताबिक़, 18 जुलाई को 18 मुस्लिमों ने धर्म बदला, 28 जून को 30, 4 मई को 8 और 27 अप्रैल को सात मुस्लिमों ने धर्म बदला हैं।

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