उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय उलमा काउंसिल (RUC) ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर लगाया संगीन आरोप।
राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशीदी ने कहा कि अखिलेश यादव ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया का मेडिकल कॉलेज नहीं खुलने दिया था।
राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अनुसार “बात उन दिनों की है जब नजीब जंग दिल्ली के LG थे और अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री. जामिया मिल्लिया की बॉउंड्री से सटी 214 बीघा ज़मीन का केस दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा था, लड़ाई जामिया व उत्तर प्रदेश सरकार के बीच थी।
@yadavakhilesh ने नहीं खुलने दिया था जामिया का मेडिकल कॉलेज
बात उन दिनों की है जब नजीब जंग दिल्ली के LG थे और अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री
जामिया मिल्लिया के बॉउंड्री से सटी 214 बीघा ज़मीन का केस दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा था,लड़ाई जामिया व उत्तरप्रदेश सरकार के बीच थी l pic.twitter.com/TUENtsv8FV
— Rashtriya Ulama Council (RUC) (@RUConline) January 30, 2022
दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया के पक्ष में फैसला सुनाया, जामिया केस जीत गया. केस जीतते ही जामिया ने ऐलान किया कि यूनिवर्सिटी इस ज़मीन पर मेडिकल कॉलेज खोलेगी. उस वक़्त नजीब जंग जो कि दिल्ली के LG थे वो भी मेडिकल कॉलेज के मामले में काफ़ी दिलचस्पी ले रहे थे।
ऐसा सुनते ही अखिलेश यादव की उत्तर प्रदेश सरकार इस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी सुप्रीम कोर्ट ने काफ़ी पॉजिटिव एप्रोच रखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा कि आप दोनों आपस में मीटिंग कर के इस मसले को हल कर दीजिये।
मीटिंग अरेंज की गयी दोनों मुख्यमंत्री ने 1 घंटे की मीटिंग के बाद जॉइन्ट प्रेस कांफ्रेंस किया और कहा कि हम इस केस को वापस सुप्रीम कोर्ट के हवाले करते हैं।
मौलाना आमिर रशीदी के अनुसार “इस तरह जामिया के मेडिकल कॉलेज का मामला अधर में लटक गया और दिल्ली के मुसलमान एक बेहतरीन मेडिकल कॉलेज और उस से तैयार होने वाले हज़ारों MBBS डॉक्टर्स से महरूम रह गये. अब आप ख़ुद तय कीजिये कि आप अपने वोट से अपना खैरख़्वाह चुनते हैं या किसी और को।”