झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने रविवार को दुमका के गांधी मैदान में आयोजित अपने 46वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान झारखंड में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का कड़ा विरोध करते हुए 50 सूत्री प्रस्ताव पारित किया।
पार्टी ने घोषणा की कि इन नीतियों को राज्य में पूरी तरह से खारिज किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही, जेएमएम ने आदिवासी भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम और संताल परगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। पार्टी ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार राज्य को लंबित 1.36 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करे।
मकतूब मीडिया कि रिपोर्ट के मुताबिक़, एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार की आलोचना की और हाल के बजट में झारखंड की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों से समृद्ध होने और राष्ट्रीय खजाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के बावजूद, राज्य विकास संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने सभी राज्यों, खासकर आर्थिक विषमताओं से जूझ रहे राज्यों के साथ उचित व्यवहार की आवश्यकता पर बल दिया।